नई दिल्ली ।। सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के ‘बी’ तहखाने को खोलने पर तभी विचार किया जाएगा जब उसकी सुरक्षा को लेकर पर्याप्त कदम उठा लिए जाएंगे और अन्य तहखानों से बाहर निकाली गई मूल्यवान वस्तुओं को सुरक्षित रख दिया जाएगा।

न्यायमूर्ति आर.वी.रवींद्रन और न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक की सर्वोच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने यह व्यवस्था दी। न्यायालय ने हालांकि अन्य तहखानों से निकाली गई मूल्यवान वस्तुओं की सुरक्षा को लेकर बनाइ गई विशेषज्ञ समिति की संस्तुतियों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायालय बुधवार को निर्देश जारी करेगा। न्यायमूर्ति रवींद्रन ने कहा कि न्यायालय श्रद्धालुओं की आस्था और परम्परा को बरकरार रखेगी लेकिन मंदिर के खजाने की सुरक्षा के रास्ते में किसी को आने नहीं दिया जाएगा।

न्यायालय ने कहा कि परम्परा, आस्था और मंदिर के खजाने की सुरक्षा को लेकर कहीं न कहीं कोई न कोई समझौता तो करना ही होगा।

उल्लेखनीय है कि इस प्राचीन मंदिर के पांच तहखानों के खाले जाने के बाद उनमें से हीरे, जवाहरात और सोने की मूर्तियां और सिक्के पाए गए थे जिनकी कीमत एक लाख करोड़ रुपये से भी अधिक आंकी गई थी।

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