नई दिल्ली/कोलकाता ।। केंद्र की कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से समर्थन वापस लेने की चेतावनी देने के बाद पेट्रोल मूल्यवृद्धि के मुद्दे पर चर्चा के लिए तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेगा।

पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस दौरान कोलकाता में ही रहेंगी। वहां मंगलवार को दोपहर बाद वह केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगी।

मुखर्जी के साथ बैठक में राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा भी बनर्जी के साथ रहेंगे।

सूत्रों ने बताया कि बनर्जी और मुखर्जी के बीच पश्चिम बंगाल की वित्तीय मांगों पर चर्चा होगी।

उधर, नई दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव एवं जहाजरानी राज्यमंत्री मुकुल राय ने आईएएनएस से कहा, “हम कल (मंगलवार) शाम पांच बजे प्रधानमंत्री से उनके आवास पर मिलेंगे। वहां तृणमूल कांग्रेस के सभी राज्यसभा व लोकसभा सदस्य जुटेंगे। हम पेट्रोल मूल्यवृद्धि के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।”

राय ने कहा, “मुलाकात के बाद हम प्रारंभिक तौर पर स्पष्ट रूप से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी एवं पार्टी लेगी। इसके बाद ही हम अपने अंतिम रुख की घोषणा करेंगे।”

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पेट्रोल मूल्यवृद्धि पूर्ण रूप से वापस लिए जाने का सवाल ही नहीं उठता, जैसा कि प्रारंभिक तौर पर तृणमूल ने मांग रखी है।

सरकार हालांकि तृणमूल का यह सुझाव मान सकती है कि पेट्रोल मूल्यवृद्धि जैसे संवेदनशील मुद्दों पर फैसला लिए जाने से पहले घटक दलों से सलाह- मशविरा कर लिया जाए।

सूत्रों ने बताया कि तृणमूल के विरोध को देखते हुए सरकार रसोई गैस एवं अन्य पेट्रोलियम पदार्थो के दाम बढ़ाने की अपनी योजना स्थगित कर सकती है।

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस संप्रग का दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है। लोकसभा में इसके 18 सदस्य हैं।

पार्टी ने ईंधन और कोयले के मूल्य में वृद्धि पर शुक्रवार को संप्रग गठबंधन से अलग होने की मौखिक चेतावनी दी थी लेकिन पार्टी नेता ममता बनर्जी ने कोई फैसला नहीं लिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद कान (फ्रांस) से लौटने पर उनसे मुलाकात की इच्छा जताई थी।

ज्ञात हो कि मनमोहन सिंह शनिवार को स्वदेश लौट आए।

कान में शुक्रवार में एक संवाददाता सम्मेलन में मनमोहन सिंह ने पेट्रोल मूल्यवृद्धि को यह कहते हुए सही ठहराया था कि पेट्रोल की कीमतों से नियंत्रण हटाने का फैसला उपभोक्ता वस्तुओं के बाजार में पारदर्शिता लाना सुनिश्चित करने के एक हिस्से के तौर पर लिया गया था।

शुक्रवार को ही तृणमूल संसदीय दल ने पेट्रोल के दाम बार-बार बढ़ाए जाने पर गहरी चिंता जताई थी और इसे पार्टी के लिए ‘अस्वीकार्य’ बताया था। पार्टी ने यह आरोप भी लगाया था कि इस तरह की घोषणा से पूर्व उसे अंधेरे में रखा जाता है।

तृणमूल संसदीय दल के नेता एवं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, “हमने शुक्रवार को सरकार से अलग होने और उसे बाहर से समर्थन देने का फैसला लिया था लेकिन हमारी नेता ममता बनर्जी ने हमसे कहा कि प्रधानमंत्री के देश से बाहर रहने के कारण अभी कोई कदम न उठाया जाए।”

दरअसल, तृणमूल कांग्रेस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों एवं सरकार के फैसला लिए जाने से पूर्व संप्रग के घटक दलों के बीच समन्वय स्थापित करने की अपनी मांग की उपेक्षा के कारण कांग्रेस से चिढ़ी हुई है।

प्रतीत होता है कि तृणमूल की यह शिकायत कांग्रेस तक पहुंच गई है। यही वजह है कि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को ममता बनर्जी एवं पश्चिम बंगाल में अपने समकक्ष अमित मित्रा से मिलकर राज्य की आर्थिक समस्याओं पर चर्चा करने और केंद्रीय सहायता का मार्ग प्रशस्त करने का निर्णय लिया है।

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