गुवाहाटी ।। महान गायक, संगीतकार, गीतकार व फिल्मकार भूपेन हजारिका के अंतिम संस्कार के साथ ही बुधवार को कला जगत का एक युग समाप्त हो गया। गुवाहाटी विश्वविद्यालय परिसर में उमड़े अपार जन सैलाब के बीच पुत्र तेज भूपेन हजारिका ने उन्हें मुखाग्नि दी।

एशिया की सबसे बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र के किनारे स्थित विश्वविद्यालय परिसर में हजारिका के प्रशंसकों ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी। सुबह 10.26 बजे ‘भूपेन हजारिका अमर रहे’ के नारों के बीच उनका अंतिम संस्कार हुआ। अपने प्रिय गायक के जाने से लोग बहुत भावुक हो गए थे, वे रो रहे थे और उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे।

हजारिका के बेटे तेज ने मौजूद प्रशंसकों से खुद की भावनाओं को नियंत्रित रखने व शांति बनाए रखने का अनुरोध किया। बीते 40 साल से हजारिका की साथी रहीं फिल्मकार कल्पना लाजमी इस अवसर पर अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सकीं और रो पड़ीं।

अंतिम संस्कार की रस्में पूरी करने के बाद भावुक तेज ने आईएएनएस से कहा, “मैं अपने पिता के लिए लोगों की ऐसी प्रतिक्रिया व प्यार देखकर निशब्द रह गया हूं।”

अनुमान के मुताबिक अंतिम संस्कार स्थल पर 100,000 लोग मौजूद थे। कुछ लोग तो इस घड़ी के साक्षी बनने के लिए कहीं जगह न मिलने पर पेड़ों पर चढ़ गए थे।

असम पुलिस ने हजारिका को 21 तोपों की सलामी दी। डॉक्टरों व फोरेंसिक विशेषज्ञों ने भावी पीढी़ के लिए हजारिका के कदमों के चिह्न लिए।

अंतिम संस्कार के समय मौजूद लोगों में राज्यपाल जे.बी. पटनायक, मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और संसद में नेता प्रतिपक्ष व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज भी मौजूद थीं।

हजारिका की अंतिम यात्रा सुबह सात बजे जजेज फील्ड से शुरू हुई थी। उनका शनिवार को मुम्बई के एक अस्पताल में 85 साल की उम्र में निधन हो गया था। वह लम्बे समय से बीमार थे।

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