नई दिल्ली ।। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम 2जी स्पेक्ट्रम विवाद से जुड़े सवालों पर असहज होते हुए शुक्रवार को मजाकिए अंदाज में पत्रकारों से कहा कि उनकी याददाश्त कम है और वह गिनने में कमजोर हैं।

पत्रकारों द्वारा चिदम्बरम से यह पूछने पर क्या उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के नोट पर सप्ताह भर चले विवाद के दौरान कभी इस्तीफा देने की पेशकश की थी। इस पर उन्होंने कहा, “मेरी याददाश्त बहुत कम है और मैं याद नहीं कर सकता।” चिदम्बरम अपने मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे थे।

ज्ञात हो कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गए नोट में कहा गया कि वर्ष 2008 में केंद्रीय वित्त मंत्री रहे पी. चिदम्बरम यदि चाहते तो स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिए हो सकता था।

पत्रकारों के सवाल पर कि कितनी बार उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की और क्या उन्होंने कम से कम एक बार भी ऐसा किया। इस पर चिदम्बरम ने कहा, “कम याददाश्त के साथ मैं गिनने में भी कमजोर हूं। मैं अब गणना करना सीख रहा हूं।”

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के नोट और उनके एवं केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बीच कथित मतभेद के बारे में पत्रकारों द्वारा बार-बार पूछे जाने पर चिदम्बरम ने कहा, “यह ऐसा सवाल नहीं है जिसका मुझे जवाब देना है। यह सवाल केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़ा नहीं है। मैं आपको इस समय केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में सम्बोधित कर रहा हूं।”

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के नोट पर करीब एक सप्ताह तक चले राजनीतिक उठापटक का पटाक्षेप गुरुवार रात को हुआ। मुखर्जी और चिदम्बरम ने एक साझा बयान जारी किया। साझा बयान जारी करते हुए मुखर्जी ने कहा कि नोट में उनके अपने निजी विचार नहीं है जबकि चिदम्बरम ने मुखर्जी के स्पष्टीकरण को स्वीकार करते हुए कहा कि यह मामला समाप्त हो गया।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी न होने से देश के राजस्व को एक लाख 72 हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा।

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