नई दिल्ली ।। कृषि संकट पर जवाब के दौरान विपक्ष की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी व कई अन्य मंत्रियों की मौजूदगी की मांग के बीच सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को कृषि संकट पर गुरुवार को शुरू हुई चर्चा का जवाब देना था।

विपक्षी दलों का कहना था कि कृषि मंत्री कृषि से सम्बंधित सभी निर्णय अकेले नहीं ले सकते हैं और इसलिए उन्होंने जवाब के दौरान वित्त मंत्री, वाणिज्य मंत्री, सिंचाई एवं पंचायती राज मंत्रियों के मौजूद रहने की मांग की।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एम. वेंकैया नायडू ने कहा, “बिजली मंत्री, वित्त मंत्री, वाणिज्य मंत्री, पंचायती राज मंत्री.. सभी को यहां जरूर होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “अकेले पवार के पास सारी शक्तियां नहीं हैं इसलिए उन सभी को यहां होना चाहिए। यह एक गम्भीर मुद्दा है।”

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी ने कहा, “कृषि मंत्री को कई निर्णय लेने में दूसरों का मुंह देखना पड़ता है। वह अकेले इन सभी प्रश्नों का उत्तर नहीं देंगे।”

संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि जब चर्चा शुरू हुई थी तो विपक्ष ने अपनी यह मांग नहीं रखी थी।

इस पर नायडू ने कहा कि जवाब के लिए दोपहर दो बजे का समय निर्धारित किया जा सकता है, तब तक कुछ मंत्रियों को बुलाया जा सकता है। पहले कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी थी और फिर दोपहर दो बजे तक स्थगित की गई।

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