नई दिल्ली।। दिल्ली के चर्चित उपहार कांड के पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे की राशि में भारी कमी कर दी। यह लगभग आधी कर दी गई है।

इस मामले के 2 आरोपियों, डीसीपी लाइसेंसिंग और एमसीडी को क्लीनचिट दे दी है। अब उन्हें मुआवजे के भुगतान में किसी तरह के योगदान की जरूरत नहीं है। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में 20 साल से ऊपर के मृतकों के परिजनों को अब 18 लाख के बदले 10 लाख रुपये मिलेंगे। 

20 साल से कम उम्र के मृतकों के परिजनों को 15 लाख के बदले 7.5 लाख रुपये मिलेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने घायलों की मुआवजा राशि में किसी तरह की फेरबदल नहीं की है। 

घायलों की मुआवजा राशि एक लाख रुपये बरकरार रखी गई है। गौरतलब है कि इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने उपहार सिनेमा के मालिक अंसल बंधुओं और कई स्थानीय निकायों को दोषी ठहराया था और मृतकों के लिए मुआवजे की घोषणा की थी। 

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि 20 साल से ऊपर के मृतकों के परिजनों को 18 लाख रुपये और 20 साल के कम उम्र के मृतकों के परिवारवालों को 15 लाख रुपये बतौर मुआवजा मिलेगा। 

घायलों को 1 लाख रुपये मिलेगा। साथ ही मुआवजे की राशि में 55 फीसदी हिस्सा उपहार के मालिक अंसल बंधुओं को तथा शेष 15-15 पर्सेंट हिस्सा 3 संस्थाओं को देना होगा। ये संस्थाएं थीं, दिल्ली विद्युत बोर्ड, डीसीपी लाइसेंसिंग और एमसीडी। 

सुप्रीम कोर्ट ने डीसीएपी लाइसेंसिंग और एमसीडी को इस मामले में क्लीनचिट दे दी। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, अब अंसल बंधुओं को मुआवजे में 85 पर्सेंट हिस्सा देना होगा और शेष 15 पर्सेंट हिस्सा विद्युत बोर्ड को देना होगा। 

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