श्रीनगर ।। संसद पर हमले का दोषी अफजल गुरू की फांसी की सजा को माफ किये जाने संबंधी प्रस्ताव के आने से पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भारी हंगामा मचा।
गौरतलब है कि निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने कुछ दिनों पहले ही विधानसभा में यह प्रस्ताव रखा था कि अफजल को मानवीय आधार पर फांसी की सजा से मुक्ति दे दी जाए।
आज विधानसभा में इस प्रस्ताव के ऊपर चर्चा होना था, लेकिन उससे पहले ही सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस ने भाजपा के उन सदस्यों की मौजूदगी पर एतराज जताया, जिन्होंने हाल ही में क्रॉस वोटिंग की थी। कांग्रेस के इस आपत्ति पर भाजपा के सदस्य भड़क गये और फिर हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस के सदस्य गृभगृह तक आ गए, जिस पर भाजपा नेताओं ने भी नारेबाजी शुरु कर दी।
भाजपा और पैंथर्स पार्टी के सदस्य मांग करने लगे कि इस प्रस्ताव पर चर्चा की इजाजत न दी जाए। इन सदस्यों का तर्क है कि रूल 180 के तहत विधानसभा को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चर्चा करने का अधिकार नहीं है।
पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह पहले ही विधानसभा अध्यक्ष के पास याचिका दायर करके कह चुके हैं कि इस प्रस्ताव में कई तकनीकी खामियां हैं। राष्ट्रपति के पास विचाराधीन मसले पर हाउस में चर्चा नहीं कराई जा सकती है।
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि उनकी बातों पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन वे शांत नहीं हुए। इस वजह से दो बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
विधायक इंजीनियर रशीद ने आरोप लगाया है कि ये सभी दलों की मिलीजुली साजिश है कि अफजल गुरु से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा न हो सके। उधर, मुख्य विपक्षी दल पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है। कांग्रेस का इस प्रस्ताव पर रुख स्पष्ट नहीं है। वहीं, पैंथर पार्टी और भाजपा इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने विधायकों से कहा है कि वे अफजल गुरु के माफीनामा के प्रस्ताव पर अपने विवेक के आधार पर वोट करें।
सनद रहे कि पिछले महीने तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी की सजा माफ करने की अपील की गई थी।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख चुके हैं कि चरमपंथी हमले के अभियुक्त देवेंदर पाल सिंह भुल्लर की फांसी की सजा माफ कर दी जाए।
अफजल 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए हमले की साजिश रचने का दोषी है, उसने राष्ट्रपति से फांसी की सजा माफ करने के लिए दया याचिका दायर की थी जिसे गृह मंत्रालय ने नामंजूर करने की सिफारिश की है।