अहमदाबाद ।। नरेंद्र मोदी के उपवास के जवाब में उपवास पर बैठे कांग्रेसी नेता शकरसिंह वाघेला और अर्जुन मोडवाडिया ने आज मंगलवार को अपना उपवास तोड़ दिया।

बच्चों से नींबू पानी पीकर उन्होंने अपना उपवास समाप्त किया।

सद्भावना मिशन के तहत गुजरात में शाति, एकता और सौहार्द्य के लिए मोदी के तीन दिन के उपवास के जवाब में कांग्रेस के नेताओं ने उपवास किया था। मोदी ने कल अपना उपवास तोड़ा था। मोदी के उपवास को पाच सितारा करार देने वाले काग्रेसी नेताओं ने साबरमती आश्रम के सामने फुटपाथ पर अपने उपवास कार्यक्रम को सम्पन्न किया।

कांग्रेस का उपवास मोदी की तुलना में काफी फीका रहा, लेकिन दिसंबर 2012 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए काग्रेस ने उपवास के जरिए मोदी से मुकाबले में बने रहने का प्रयास किया है।

वाघेला ने अपना उपवास शनिवार सुबह 8 बजे शुरु किया था। वाघेला का उपवास 73 घंटे तक चला, जिसे आज सुबह 10 बजे तोड़ा गया। वाघेला ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने उपवास के नाम पर जनता से मजाक किया है। उन्होंने मोदी से सवाल पूछा कि 72 घंटे का उपवास करने आए आये थे, तो फिर जल्दी क्यों समाप्त कर दिया?

वाघेला ने कहा कि मेरा उपवास कोई उत्सव नहीं था। मोदी का उपवास दिखावा था। शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि विज्ञापन देकर उपवास नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि मोदी का उपवास महज एक दिखावा और सियासी है।

गौरतलब है कि उपवास को लेकर चर्चा में आए वाघेला के समर्थन में दिल्ली से कोई भी बड़े कांग्रेसी नेता उनके पास नहीं आए। उन्होंने कहा कि दिल्ली से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बुलाते तो वह पहुंचते।

इस अवसर पर गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोडवाडिया और विधानसभा में विपक्ष के नेता शक्ति सिंह गोहिल ने भी राज्य सरकार को जमकर कोसा। मोहन प्रकाश ने भी मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। गुजरात सरकार पर बरसते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सौ करोड़ रुपये खर्च कर नरेंद्र मोदी कौन-सी सद्भावना दिखाना चाहते हैं।

मोहन प्रकाश ने कहा कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। कैग की रिपोर्ट में गुजरात सरकार का भ्रष्टाचार पूरी तरह उजागर हुआ है। कांग्रेस मोदी सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए जनता की अदालत में जाएगी।

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