नई दिल्ली ।। नीतीश कटारा की हत्या (2002) के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे विकास यादव ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर जेल से चार दिन की रिहाई मांगी है। न्यायालय ने याचिका पर बुधवार को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया।

वकील के इस तर्क को संज्ञान में लेते हुए कि विकास यादव कागजातों पर हस्ताक्षर करने के बाद वापस हिरासत में लौट आएगा, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की खण्डपीठ ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और 22 नवम्बर तक जवाब सौंपने के लिए कहा।

वकील ने कहा कि विकास यादव अपने भाई को सम्पत्ति का अधिकार देने के लिए पॉवर ऑफ अटार्नी की औपचारिकताएं पूरी करना चाहता है, क्योंकि सम्पत्ति उसकी मां और उसके नाम पर है।

इस पर न्यायालय ने पूछा कि क्या 2002 से अबतक उसे सम्पत्ति की जानकारी नहीं थी।

इसके पहले एक अन्य पीठ ने विकास यादव को अपनी बहन की शादी में हिस्सा लेने के लिए जेल से एक दिन की छुट्टी दी थी।

विकास यादव उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिज्ञ डी.पी. यादव का बेटा है। उसे अपने चचेरे भाई विशाल यादव के साथ नीतीश कटारा का अपहरण एवं हत्या करने का दोषी पाया गया है। कटारा विकास यादव की बहन भारती का घनिष्ठ मित्र था।

दोनों ने 17 फरवरी, 2002 की रात गाजियादाबाद में एक शादी समारोह से कटारा का अपहरण किया था क्योंकि वे भारती के साथ उसके रिश्ते को पसंद नहीं करते थे।

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