नई दिल्ली ।। लंदन में एक जिला न्यायालय ने नौसेना वार रूम लीक मामले में आरोपी, रवि शंकरन के प्रत्यर्पण के सम्बंध में भारतीय अधिकारियों द्वारा पेश सबूत स्वीकार कर लिया है। यह जानकारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को दी।

सीबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में मंगलवार को कहा, “सोमवार को पारित आदेश में अदालत ने कहा कि आरोपी रवि शंकरन के खिलाफ एक स्वीकार्य मामला है।” मामले की अगली सुनवाई 30 दिसम्बर को होगी।

शंकरन तब से फरार हैं, जब सीबीआई ने मार्च 2006 में मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने जुलाई 2006 में शंकरन और अन्य को एक अदालत में औपचारिक रूप से आरोपित किया था।

शंकरन के प्रत्यर्पण से सम्बंधित अनुरोध 2006 में ब्रिटेन भेजा गया था और उनके खिलाफ 2006 में इंटरपोल के जरिए एक रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया गया था।

ब्रिटिश प्रशासन ने दिल्ली के एक न्यायालय के मुख्य महानगरीय दंडाधिकारी द्वारा जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट के आधार पर शंकरन को अप्रैल 2010 में गिरफ्तार कर लिया था।

नौसेना वार रूम लीक मामला 2005 में प्रकाश में आया था। यह मामला नौसेना अधिकारियों द्वारा सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारियों को कथितरूप से संवेदनशील जानकारी मुहैया कराने से सम्बंधित था। वे सेवानिवृत्त अधिकारी विभिन्न हथियार कम्पनियों के बिचौलिये थे।

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