नई दिल्ली ।। युवक कांग्रेस दफ्तर पर वर्ष 1993 में कार बम विस्फोट करने के मामले में मौत की सजा पाए देवेंदर पाल सिंह भुल्लर को सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को संशोधित याचिका दायर करने की अनुमति दे दी।
भुल्लर ने यह कहते हुए अदालत के फैसले को चुनौती दी थी कि सर्वोच्च न्यायालय के तीन सदस्यीय खंडपीठ ने उसकी मौत बरकरार रखा है लेकिन इसमें दो न्यायाधीशों के बहुमत से फैसला दिया गया जबकि तीसरे न्यायाधीश ने इस फैसले से असहमति जताई है ऐसे में यह खंडित जनादेश है।
सर्वोच्च न्यायालय ने उसे संशोधित याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है जिससे इस मामले को बड़ी खंडपीठ संविधान पीठ को सौंपा जा सके।
भुल्लर को इस मामले में 2001 में दोषी ठहराया गया था। उसकी दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा मई खारिज किया गया। उसने दया याचिका खारिज करने में लगे 15 साल की लंबी अवधि को भी अदालत में चुनौती दी। उसने कहा कि उसकी मानसिक हालत ऐसी नहीं है कि उसे मौत की सजा दी जाए।
अदालत ने भुल्लर को संशोधित याचिका दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।