हैदराबाद, Hindi7.com ।। तेलंगाना संयुक्त संघर्ष समिति ने तेलंगाना क्षेत्र में आज से 48 घंटे के बंद का आह्वान किया था, जिसका क्षेत्र में व्यापक असर पड़ा है। तेलंगाना के समर्थन में किये गये, इस बंद से आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
राज्य की राजधानी हैदराबाद समेत तेलंगाना के सभी दस जिलों में दुकानें, व्यापारिक संस्थान, यातायात, शिक्षण संस्थान, पेट्रोल पंप आदि अपना नियमित कार्य नहीं कर पा रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों और वकीलों ने बंद में भाग लेने का फैसला किया है।
इस बंद को तेलंगाना राष्ट्र समिति, तेलंगाना कांग्रेस, तेलुगु देसम की तेलंगाना फोरम, भारतीय जनता पार्टी सहित अन्य कई दलों और संगठनों का समर्थन प्राप्त है।
उधर, कांग्रेसी और तेदेपा विधायकों के इस्तीफे से उत्साहित तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इसके बाद भी पृथक राज्य का गठन नहीं किया गया, तो तेलंगाना मंगलवार यानी की आज से आग के गोले में तब्दील हो जाएगा और संभव है कि तेलंगाना की मांग का आंदोलन एक बार फिर हिंसक रूप ले ले। इसके साथ ही राव ने तटीय आंध्र और रायलसीमा इलाके के जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों को भी आगाह करते हुए कहा है कि अलग राज्य के गठन में उन्होंने कोई भी अवरोध खड़ा किया, तो नतीजे अच्छे नहीं होंगे।
राव ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के लिए नौ दिसंबर, 2009 को दिए गए वादे से पीछे हटने के लिए मनमोहन सिंह की पहले से ही आलोचना कर रहे हैं और साथ में चेतावनी भी दी है। तेदेपा के चार बागी विधायकों के अनशन स्थल पर जमा जनसमूह को संबोधित करते हुए, राव ने कहा कि आंध्र प्रदेश का विभाजन होकर रहेगा।
गौरतलब है कि तेलंगाना से आने वाले 82 विधायकों और 15 सांसदों ने अलग राज्य की मांग का समर्थन करते हुए त्याग पत्र दे दिया है। कांग्रेस के नौ लोक सभा और एक राज्य सभा सदस्य ने कल त्याग पत्र दिया था। तेलुगु देसम के दो लोक सभा सदस्य अपना त्याग पत्र लोक सभा स्पीकर को आज सौंपगें। तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष चन्द्रशेखर राव और विजयशांति ने भी त्यागपत्र दे दिया है।
किसी भी हालात से निपटने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। हैदराबाद में निषेध आज्ञा लागू कर दी गई है। पुलिस के साथ-साथ अर्ध सैनिक बल भी स्थिति पर गहरी रख रहे हैं। संघर्ष समिति ने 48 घंटे के बंद के अलावा अन्य कार्यक्रमों की भी घोषणा की है। बताया जा रहा है कि सात जुलाई को छात्र जुलूस निकाला जाएगा। आठ और नौ जुलाई को रेल रोको कार्यक्रम होगा।