नई दिल्ली ।। हॉकी इंडिया (एचआई) ने इस बात का फैसला खिलाड़ियों पर छोड़ दिया है कि वे ओलम्पिक क्वालीफाईंग में खेलते हुए देश सेवा करना चाहते हैं या फिर वे अपनी सेवाएं 20 लाख डॉलर इनामी वर्ल्ड हाकी सीरीज (डब्ल्यूएसएच) को देंगे। एचआई महासचिव नरेंद्र बत्रा ने बुधवार को कहा कि 15 से 26 फरवरी को नई दिल्ली में होने वाले ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए राष्ट्रीय कैम्प दिसम्बर के दूसरे सप्ताह से 26 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा।
राष्ट्रीय कैम्प और डब्ल्यूएसएच की तारीखों में टकराव हो रहा है क्योंकि डब्ल्यूएसएच का आयोजन 17 दिसम्बर से 26 जनवरी तक होगा। एचआई ने साफ कर दिया है कि सभी खिलाड़ियों के लिए इस कैम्प में हिस्सा लेना अनिवार्य होगा।
डब्ल्यूएसएच को अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ की मान्यता प्राप्त नहीं है। इस लीग में हालांकि भारत के सभी प्रमुख खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
बत्रा ने कहा, “अगर कोई खिलाड़ी कैम्प में नहीं आता है तो उसकी जगह जूनियर खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया जाएगा। हमारे लिए ओलम्पिक क्वालीफायर ज्यादा अहम है, लिहाजा अब खिलाड़ियों को फैसला करना है कि वे देश के लिए खेलना चाहते हैं या फिर डब्ल्यूएसएच के लिए।”
बत्रा ने साफ किया कि वह खिलाड़ियों को किसी प्रकार की चेतावनी नहीं दे रहे हैं। उनके मुताबिक हॉकी इंडिया का महासचिव होने के नाते वह खिलाड़ियों के सामने यथास्थिति रख रहे हैं।
डब्ल्यूएसएच का आयोजन भारतीय हॉकी महासंघ और निम्बस स्पोर्ट्स के सहयोग से हो रहा है। इस सम्बंध में आईएचएफ के अध्यक्ष आरके शेट्टी ने कहा कि अब तक किसी खिलाड़ी ने इस लीग में खेलने से इंकार नहीं किया है।
शेट्टी ने कहा, “हम इस लीग का आयोजन ऐसे समय में कर रहे हैं, जब भारतीय टीम के साथ कोई अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता नहीं है। हम डब्ल्यूएसएच का आयोजन करके किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। हम यह सब खेल की बेहतरी के लिए कर रहे हैं।”