भोपाल ।। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 27 वर्ष पूर्व हुए दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिक हादसे के लिए जिम्मेदार डॉव केमिकल को लंदन ओलम्पिक का प्रायोजक बनाए जाने का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। अब पूर्व हॉकी ओलम्पिक खिलाड़ियों ने डॉव केमिकल को प्रायोजक बनाए जाने का विरोध करते हुए इसे ओलम्पिक खेलों के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ बताया है।

पांच पूर्व हॉकी ओलम्पिक खिलाड़ी- सैयद अली, इमाम-उर-रहमान, बी.पी. गोविंदा, जलालुद्दीन रिजवी और सलीम अब्बासी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को कहा कि भोपाल में हजारों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार डॉव केमिकल को वर्ष 2012 में लंदन में होने वाले ओलम्पिक खेलों का प्रायोजक बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

इन खिलाड़ियों का कहना है कि यूनियन कार्बाइड संयंत्र से रिसी जहरीली गैस ने भोपाल में तबाही मचाई थी। इस हादसे और यहां के पर्यावरण की बदहाली के लिए जिम्मेदार डॉव केमिकल को ओलम्पिक का प्रयोजक बनाया जाना इन खेलों के आयोजन के मूलभूत सिद्धांताों के खिलाफ है। 

उन्होंने बताया है कि लंदन ओलम्पिक के आयोजकों को 20 पूर्व आलम्पिक खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाला एक ज्ञापन भेजा गया है, जिसमें मांग की गई है कि प्रायोजकों में शामिल डॉव केमिकल को हटाया जाय। इस अभियान में देश के अन्य पूर्व ओलम्पिक खिलाड़ियों को भी जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

पूर्व ओलम्पिक खिलाड़ियों ने चेतावनी दी है कि अगर डॉव केमिकल को लंदन ओलम्पिक के प्रायोजक से हटाने की उनकी मांग को नहीं माना जाता है तो ओलम्पिक के दौरान काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराया जाएगा।

गैस पीडितों के हित में लड़ाई लड़ने वाले पांच संगठनों ने कहा है कि भोपाल हादसे के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड संयंत्र के शत-प्रतिशत मालिक डॉव केमिकल को पूरा संरक्षण मिल रहा है।

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