ग्रेटर नोएडा ।। पूर्व फॉर्मूला वन विश्व चैम्पियन जैकी स्टीवर्ट का कहना है कि भारत को अब विश्व स्तरीय एफ-1 चालक तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। स्टीवर्ट का मानना है कि अब एफ-1 ग्रिड पर महिलाओं की भागीदारी का भी समय आ गया है।

बुद्ध इंटरनेशल सर्किट पर देश में पहली बार फॉर्मूला वन (एफ-1) रेस ‘इंडियन ग्रां पी’ रविवार को आयोजित की गई थी।

वर्ष 1969, 1971, और 1973 के विश्व चैम्पियन स्टीवर्ट ने कहा कि भारत ने जिस प्रकार से ‘इंडियन ग्रां पी’ सफलापूर्वक आयोजित की उसपर उसे गर्व होनी चाहिए और वर्तमान विश्व चैम्पियन सेबेस्टियन वेट्टल जैसे चालकों की भारतीय पौध तैयार करनी चाहिए।

स्टीवर्ट ने कहा, “भारत में बना बुद्ध इंटरनेशल सर्किट असाधारण है। मैंने इस सर्किट के चारों ओर कार दौड़ाई। यह विश्व के सर्वश्रेष्ठ सर्किटों में से एक है। लेकिन भारतीय मोटर स्पोर्ट के लिए यह पर्याप्त नहीं है। भारत को उच्चस्तर पर अधिक से अधिक रेसिंग चालक तैयार करना चाहिए।”

73 वर्षीय स्टीवर्ट ने कहा, “हमें रेसिंग में अधिक से अधिक भारतीय फॉर्मूला वन कारों की जरूरत है। बुनियादी सुविधाओं की जरूरतों को पूरा करने की जरूरत है। मैंने भारत में अधिक रेस ट्रैक नहीं देखे हैं।”

उल्लेखनीय है कि स्टीवर्ट ने तमिलनाडु में श्रीपेरम्बदूर ट्रैक का उद्घाटन वर्ष 1985 में किया था। स्टीवर्ट का कहना है कि भारतीय एफ1 चालक नारायण कार्तिकेयन और करुण चंडोक के बावजूद भारत को नए चेहरों की जरूरत है।

स्टीवर्ट ने कहा, “कार्तिकेयन और चंडोक अच्छे हैं। कार्तिकेयन हमारी टीम के लिए फॉर्मूला 3 में कार चला चुके हैं लेकिन अब समय बदलाव का है। हमें भारत से पांच-छह विश्व स्तरीय चालकों की जरूरत है। आप दो चालकों के साथ फॉर्मूला वन में सफलता की उम्मीद नहीं कर सकते।”

स्टीवर्ट का कहना है कि यह चीज रातोंरात नहीं हो सकती लेकिन आपको यूरोप में फॉर्मूला वन श्रृंखला में अधिक से अधिक चालकों को भेजकर इसकी शुरुआत कर देनी चाहिए।

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