नई दिल्ली, Hindi7.com ।। आधुनिकता के युग में फैशन हर किसी के सिर चढ़कर बोल रहा है। ऐसे में हमारे राजनेता भला क्यों पीछे रहें? आजकल भारतीय राजनेता भी फैशन को जबर्दस्त ढंग से अपना रहे हैं।

देसी राजनीति में एक जमाना था, जब राजनेता जनता का प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ सादगी का भी प्रतिनिधित्व करते थे। इस दौर के ज्यादातर नेता साधारण लिबासों में ही रहना पसंद करते थे। यहां तक की बिना इस्त्री किए हुए सफेद कुर्ते और सिलवटदार साड़ियों तक का इस्तेमाल करते थे। पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्णांडिस तक यह परंपरा संसद में देखने को मिलती रही है, लेकिन अब के नेताओं की बात ही अलग है।

कहने को तो सफेद कुर्ता-पायजामा और साड़ी अब भी राजनेताओं की पहली पसंद और पहचान है, लेकिन इसके स्वरूप में काफी बदलाब आ चुका है। इनके परिधानों पर फैशन का तड़का साफ नजर आता है।

गुलाम नबी आजाद, सलमान खुर्शीद और भूपिंदर सिंह हुड्डा के परिधान डिजाइन करने वाले सुनील मेहरा कहते हैं कि “इन दिनों हमारे नेता विभिन्न अवसरों पर अलग-अलग तरह के परिधान पहनते हैं।” मसलन, वे किसी बैठक या सम्मेलन में शिरकत करने जाते हैं, तो उसकी विषय-वस्तु के आधार पर उनके परिधान का चयन होता है। वहीं जब वे अपनी पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल होते हैं, तो उनका परिधान गम्भीर होता है।

भारतीय जनता पार्टी के नेता अरुण जेटली अक्सर सलीकेदार कुर्ते और सुषमा स्वराज बेहतरीन साड़ी में नजर आते हैं, जो इनके व्यक्तित्व को अलग आयाम देता है, लेकिन जनता का पता नहीं।

“दीवान साहेब” स्टोर के डिजाइनर सुधीर दीवान बताते हैं कि “राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे युवा नेता साधारण, पर बिल्कुल अलग तरह की शैली के कपड़े पहनना पसंद करते हैं।” उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला, अभय चौटाला और रामविलास पासवान जैसे नेता दीवान साहेब के परिधान ही पहनते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की साड़ियां भी बेहद आकर्षक होती हैं। कांग्रेस प्रमुख और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी हमेशा कॉटन और हैंडलूम सिल्क की साड़ियों को पहनना पसंद करती हैं। इस मामले में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला का टेस्ट बिल्कुल देसी है। ये हमेशा देसी प्रकार की साड़ियां पहनना ही पसंद करती हैं।

डिजाइनर नीति अग्रवाल के मुताबिक, “नेताओं के परिधान में बदलाव आने का एक कारण अपना बॉलिवुड भी है। इसने हमारे नेताओं को काफी प्रभावित किया है। खासकर, प्रकाश झा की फिल्म राजनीति ने तो नेताओं के परिधान में जैसे क्रांति ही ला दी है।”

हमारे नेताओं के परिधानों की कीमत क्या होती है?

डिजाइन किए हुए कुर्ते-पायजामे के कीमत की शुरूआत होती है 7,000 रुपये से और खत्म होती है 1,00,000 रुपये तक आकर। बंद गले के सूट की कीमत 30,000 रुपये से 3,00,000 रुपये तक होती है। इसके अलावा कढ़ाई वाली साड़ियों की कीमत 30,000 रुपये से 80,000 रुपये तक होती है।

भई, देश के राजनेता तो राजनेता ठहरे। इनके कंधों पर पूरा देश टिका होता है। जनता की कौन………।

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