नई दिल्ली ।। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पीएम को लपेटे जाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायण सामी ने कहा कि 2जी मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लेना उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि जो भी फैसले लिये जाते हैं, वह नियत प्रक्रिया के तहत ही लिए जाते हैं। गौरतलब है कि विवादास्पद 2जी घोटाले में चिदंबरम का नाम आने के बाद, अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भूमिका पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं।

आरटीआई से हासिल किये गये एक पत्र के अनुसार, 2जी स्पेक्ट्रम मामले में मंत्रियों के समूह के टर्म्स ऑफ रिफरेंस यानी कार्यवाही के बिंदु को बदलने में प्रधानमंत्री की अहम भूमिका रह है।

आरटीआई के मिले दस्तावेजों के आधार पर दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री की सहमति से ही स्पेक्ट्रम की कीमतें तय करने का हक जीओएम से लेकर तत्कालीन टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन को दिया गया था।

आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गर्ग को मिले गोपनीय दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया गया है कि मारन के दबाव में प्रधानमंत्री ने मंत्री समूह की कार्यवाही के बिंदु कमजोर करने पर सहमति जताई।

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