नई दिल्ली ।। वोट के लिए नोट मामले में आरोपी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी रह चुके सुधींद्र कुलकर्णी ने जमानत पर रिहा होने के बाद शुक्रवार को कहा कि जिन लोगों को इसका फायदा होना था, उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए।

कुलकर्णी ने कहा कि बहुत से सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले हैं। उनके मुताबिक, “सवाल रिश्वत देने वालों को लेकर हैं। उनका उद्देश्य क्या था.. उन्होंने कैसे रुपये का प्रबंध किया.. इससे जुड़ी सभी सच्चाइयों को सामने आना होगा। जिन्हें वास्तव में इसका फायदा होना था, उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए।”

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को जमानत मिलने के बाद गुरुवार शाम तिहाड़ जेल से छूटे कुलकर्णी ने कहा, “यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन सांसदों का सामूहिक संघर्ष है। उनमें से दो ने मुझसे भी अधिक संघर्ष किया। सोहैल हिन्दुस्तानी ने भी। यह पूरी भाजपा का संघर्ष है, व्यापक तौर पर यह लोकतांत्रिक जड़ों का संघर्ष है, जो सच जानना चाहता है।” 

एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, “एक बात स्थापित हो चुकी है कि पैसे दिए गए। कोई इसे झुठला नहीं सकता। जिन्होंने पैसे लिए, उनका उद्देश्य मामले को उजागर करना था। लेकिन जिन्होंने पैसे दिए, उनका मकसद अल्पमत के कारण संकट में आई सरकार को गिरने से बचाना था।”

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