चेन्नई ।। तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना को बंद करने की मांग को लेकर मंगलवार को फिर से प्रदर्शन शुरू हो गया। इस बीच तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता द्वारा केंद्र के इरादे पर शक जाहिर करने के बाद केंद्र ने अपना बचाव करते हुए मंगलवार को कहा कि प्रस्तावित परमाणु परियोजना पर लोगों के डर को दूर करने के लिए वह प्रतिबद्ध है।

जयललिता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से गठित की जाने वाली विशेषज्ञों की समिति के लिए तमिलनाडु सरकार ने अब तक नामों की सूची नहीं भेजी है।

जयललिता ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार के बयान से यह लगता है कि कुडनकुलम समस्या की जिम्मेदारी वह राज्य सरकार पर थोपना चाहती है। स्थानीय लोगों की मांग है कि चेन्नई से 650 किलोमीटर की दूरी पर तिरूनेलवेली जिले में प्रस्तावित परमाुण परियोजना को रद्द किया जाए।

जयललिता ने कहा कि उनकी सरकार अपने इस रुख पर कायम है कि परियोजना को लेकर लोगों की चिंताओं का समाधान किया जाना चाहिए और तब तक वहां काम रोक दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चूंकि केंद्र सरकार ने स्थानीय लोगों की चिंताओं का समाधान नहीं किया, इसलिए लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। जयललिता ने केंद्र से राज्य सरकार पर आरोप लगाने के बजाय समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि केवल केंद्र सरकार और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) को परियोजना की सुरक्षा से सम्बंधित पहलुओं की पूरी जानकारी थी और यह केंद्र की जिम्मेदारी थी कि वह इसे लेकर लोगों की चिंताओं का समाधान करे।

उन्होंने कथित रूप से अपने नाम लिखे गए पत्र को उन्हें भेजे जाने से पहले मीडिया में जारी करने के लिए प्रधानमंत्री की भी आलोचना की।

उधर, जयललिता के इस बयान से प्रदर्शनकारियों को बल मिला है। उनका समर्थन करते हुए पीपुल्स राइट्स मूवमेंट के समन्वयक एस. शिवसुब्रमण्यम ने आईएएनएस से कहा, “.. अपनी मांग को लेकर वह (जयललिता) सही हैं। हम जानते हैं कि एसपीसीआईएल संयंत्र परिसर में मौजूद कर्मचारियों के सहारे निर्माण कार्य आगे बढ़ा रहा है।”

उन्होंने परिसर को खाली कराने और इसे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की निगरानी में रखने की मांग की।

शिवसुब्रमण्यम ने कहा कि इस मामले पर एनपीसीआईएल का मंतव्य जानने के बाद वह आगे की रणनीति तय करेंगे।

शिवसुब्रमण्यम ने कहा कि प्रधानमंत्री प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाने पर विचार कर रहे हैं, जिसमें पर्यावरण, समुद्र और परमाणु वैज्ञानिक तथा राज्य सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम परमाणु बिजली परियोजना को लेकर लोगों की चिंताओं को दूर करें।”

तमिलनाडु सरकार के साथ किसी तरह के मतभेद से इंकार करते हुए नारायणसामी ने कहा, “हम तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के विचारों का सम्मान करते हैं।”

नारायणसामी ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने की प्रधानमंत्री की बात को दोहराते हुए कहा कि इसमें राज्य सरकार के भी प्रतिनिधि होंगे। लेकिन राज्य सरकार ने अब तक इसके लिए नामों की सूची नहीं भेजी है।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी भी अपनी समिति गठित कर सकते हैं। नारायणसामी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश पर संयंत्र के भीतर कोई नया काम नहीं किया जा रहा है। सरकार के वैज्ञानिक केवल रखरखाव के काम में लगे हैं।

इस बीच तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि ने संवाददाताओं से चेन्नई में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को बिना आम लोगों के जीवन को प्रभावित किए सुरक्षा का प्रबंध करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार उनसे पूछे तो वह इस मामले को सुलझाने में योगदान करना चाहते हैं।

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