नई दिल्ली, Hindi7.com ।। केंद्र की यूपीए सरकार ने राष्ट्रमंडल खेल आयोजनों के संबंध में आई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [कैग] की रिपोर्ट के बारे में कहा कि मुख्य रिपोर्ट में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को दोषी नहीं ठहराया गया है। इस रिपोर्ट का जो संक्षिप्त विवरण है, उसके एक पंक्ति में उनके नाम का जिक्र भर है।

इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल पाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि “बतौर मंत्री उन्हें कैग की रिपोर्ट के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। हालांकि मुख्य रिपोर्ट के 22वें अध्याय में मुख्यमंत्री को दोषी नहीं ठहराया गया है, लेकिन उसके संक्षिप्त विवरण में उनके नाम का जिक्र जरूर है।”

उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के संबंध में कैग के पिछले सप्ताह हुए संवाददाता सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि “संक्षिप्त विवरण में मुख्य रिपोर्ट का सार होता है। मुख्य रिपोर्ट में नहीं, वरन संक्षिप्त विवरण की महज एक पंक्ति में शीला जी का जिक्र है। ऐसा कैसे हुआ और क्यों हुआ? इसका जवाब संक्षिप्त विवरण तैयार करने वाले ही दे सकते हैं। संबंधित कैग अधिकारी संवाददाता सम्मेलन कर रहे हैं। वे ही इसका जवाब देंगे, मैं नहीं। मैंने सिर्फ तथ्यों को सामने रखा है।”

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि “विपक्षी सदस्य तथ्यों को समझे बिना और रिपोर्ट की गलत व्याख्या करते हुए नारेबाजी कर रहे हैं।” बंसल ने कहा कि “हालांकि कैग की रिपोर्ट पर संसद में चर्चा नहीं होती, लेकिन मैं कोई मुद्दा नहीं बना रहा हूं। अगर कोई संक्षिप्त विवरण और साथ ही मुख्य रिपोर्ट पर सरसरी निगाह डाले, तो वह पाएगा कि मुख्य रिपोर्ट में मुख्यमंत्री को दोषी नहीं ठहराया गया है। इस पर विपक्ष लगातार नारेबाजी किये जा रहा है। सही मायने में संसद कैग की रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए उपयुक्त मंच है ही नहीं।”

मंत्री ने कहा कि “लोक लेखा समिति की रिपोर्ट पर एक बार चर्चा होने के बाद विपक्ष को महसूस होगा कि जिस मुद्दे पर वे संसद की कार्यवाही में खलल डाल रहे हैं, वह असल में कभी मुद्दा था ही नहीं।” बंसल ने कहा कि अगर उन्होंने नोटिस दिया होता तो नियमों के अनुसार उस पर चर्चा हो सकती थी।

उन्होंने कहा कि “दोनों सदनों की बैठक दिनभर के लिए स्थगित होने से आज आंतरिक सुरक्षा पर चर्चा नहीं हो सकी।” बंसल ने कहा कि “पहले से निर्धारित अन्य महत्वपूर्ण चर्चाओं के कारण हो सकता है कि इस मुद्दे पर चर्चा न हो सके।”

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