इडुक्की (केरल) ।। केरल में एक सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.एस. अच्युतानंदन ने बुधवार को कहा है कि उनका वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) एक नया मुल्लापेरियार बांध बनाने के लिए लोगों से कोष इकट्ठा करेगा।

अच्युतानंदन ने कहा, “समय समाप्त हो चुका है और अब एलडीएफ एक नया बांध बनाने के लिए जनता से पूरा पैसा इकट्ठा करने के लिए तैयार है। यदि तमिलनाडु सरकार या केंद्र सरकार इसके लिए पैसा देने की इच्छुक नहीं है तो हम पैसा जुटाएंगे।”

उन्होंने कहा, “हम बांध बनाएंगे और इसके लिए या तो सर्वोच्च न्यायालय या केंद्र सरकार को हमें अनुमति देनी होगी। लोगों से पैसा इकट्ठा करने के लिए कहने पर इसके लिए कोष इकट्ठा हो सकता है।” अच्युतानंदन एलडीएफ के अन्य नेताओं के साथ मुल्लापेरियार बांध से आसपास के लोगों पर मंडरा रहे खतरे का अध्ययन करने के लिए यहां पहुंचे थे।

एर्नाकुलम जिले के पिरावोम निर्वाचन क्षेत्र में जल्दी ही उपचुनाव होने वाले है। यदि बांध क्षतिग्रस्त होता है तो यह उपचुनाव भी खतरे में पड़ सकता है। पिछले महीने प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री टी.एम. जैकब के निधन के बाद से यह विधानसभा सीट खाली है।

मुल्लापेरियार बांध को लेकर केरल और तमिलनाडु के बीच टकराव की स्थिति है। साल 1886 में त्रावणकोर के महाराज व ब्रिटिश राज के बीच हुए एक समझौते के बाद इस बांध का निर्माण हुआ था।

यह बांध केरल के इडुक्की जिले में स्थित है जबकि तमिलनाडु इसके पानी का इस्तेमाल करता है।

तमिलनाडु राज्य की सिंचाई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बांध की संग्रहण क्षमता बढ़ाने के लिए उसकी ऊंचाई 136 फीट (41.5 मीटर) से बढ़ाकर 142 फीट (43 मीटर) करना चाहता है।

दूसरी ओर केरल को डर है कि यदि कभी शक्तिशाली भूकम्प आने पर बांध को नुकसान पहुंचा तो इससे भारी तबाही हो सकती है। इसे देखते हुए केरल नए बांध का निर्माण चाहता है और उसने इसके लिए कोष देने व इसका निर्माण करने का प्रस्ताव रखा है लेकिन तमिलनाडु इससे सहमत नहीं है।

अच्युतानंदन का कहना है कि दुनिया में कहीं भी मुल्लापेरियर बांध जितना पुराना बांध नहीं है।

यदि यह बांध टूट जाता है तो इडुक्की, कोट्टायम, अलापुझा, एर्नाकुलम व थ्रिसुर जिले के कई इलाके बह जाएंगे।

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