नई दिल्ली ।। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को सवाल किया कि आखिर सरकार खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर संसद में चर्चा कराने से भाग क्यों रही है। भाजपा ने पूछा है कि क्या उसे अपने बहुमत पर भरोसा नहीं है।

सोशल नेटवर्किं ग साइट, ट्वीटर पर टिप्पणी करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, सुषमा स्वराज ने पूछा है कि सरकार मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराने से दूर क्यों भाग रही है। 

स्वराज ने कहा है, “हम खुदरा में एफडीआई पर अपने स्थगन प्रस्ताव पर संसद में चर्चा चाहते हैं। सरकार चर्चा कराने और उसके बाद सदन में मतदान कराने से भाग क्यों रही है?”

सुषमा ने कहा है, “इसका अर्थ यह है कि इस मुद्दे पर संसद में सरकार के पास बहुमत नहीं है।”

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने बहु ब्रांड खुदरा में एफडीआई को अनुमति देने के निर्णय को सरकार की ओर से की गई एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया बताया। 

जेटली ने पार्टी कार्यालय द्वारा जारी एक आलेख में कहा है, “खुदरा में एफडीआई को केवल एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में पेश नहीं किया जा सकता, क्योंकि सरकार ने लगभग आर्थिक सुधारों को ठंढे बस्ते में डाल दिया है।”

जेटली ने लिखा है, “हम न तो एफडीआई की अवधारणा के खिलाफ हैं और न सुधार कार्यक्रम को एक अतिरिक्त धक्का देने पर ही। जिन बदलावों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें सुधार तो शायद ही कहा जा सकता है।”

ज्ञात हो कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार सातवें दिन बुधवार को भी स्थगित करनी पड़ी है।

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