चण्डीगढ़ ।। खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी देने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करने के बाद पंजाब में सत्तारूढ़ अकाली दल इससे पलट गया है। समझा जाता है कि उसने यह कदम पंजाब की गठबंधन सरकार में साझीदार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कहने पर उठाया है, जो इसका विरोध कर रही है।
अकाली दल के अध्यक्ष तथा पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के पुराने रुख के खिलाफ पार्टी ने इस पर संसद में चर्चा कराने की मांग की है। यह फैसला गुरुवार शाम पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में लिया गया।
इससे पहले सुखबीर ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के सरकार के फैसले का स्वागत किया था। यहां तक केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा को पत्र लिखकर उन्होंने इसके लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के इस कदम की प्रशंसा की थी। लेकिन गुरुवार शाम अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक में उनके सुर बदले-बदले से थे।
उन्होंने कहा, “छोटे किसानों, सब्जी विक्रेताकओं और लघु व मझोले व्यापारियों के हितों को देखते हुए इस मुद्दे को नए सिरे से देखने की जरूरत है।”
बैठक के बाद पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “सरकार को इस मुद्दे पर निर्णय लेने से पहले संसद में बहस करानी चाहिए थी। पार्टी ऐसे किसी भी कदम का समर्थन नहीं करेगी जिससे किसानों, छोटे एवं मझोले व्यापारियों तथा उपभोक्ताओं के हित प्रभावित होते हों। पार्टी एफडीआई प्रस्ताव को सार्वजनिक करने तथा इसे संसद में रखने की मांग करती है।”
सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने पंजाब के मुख्यमंत्री व अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल से बातचीत कर इस मुद्दे पर संप्रग सरकार का समर्थन नहीं करने को कहा। इसके बाद बादल ने पार्टी की कोर कमेटी से इस विचार करने को कहा और फिर पार्टी सुखबीर के पुराने रुख से पलट गई।