नई दिल्ली ।। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर टकराव छोड़कर उपयुक्त मंच पर चर्चा करने की अपील करते हुए कहा कि अगर संकीर्ण राजनीतिक फायदों के लिए इसे रोका गया तो इससे किसानों और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचेगा।

‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में यहां मुखर्जी ने कहा कि वैश्विक अनुभवों से पता चलता है कि एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला वाले संगठित खुदरा कारोबार से फसलों की बर्बादी में कमी आई है जिससे किसानों को फायदा पहुंचा है। साथ ही प्रतियोगी कीमतों के कारण उपभोक्ताओं को भी फायदा पहुंचा है।

उन्होंने कहा, “लेकिन इसके लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी और बड़े स्तर पर निवेश की जरूरत है।”

विदेशी खुदरा कारोबारियों के संदर्भ में विपक्ष के रुख पर मुखर्जी ने कहा, “अभी, इसे स्वीकार किए जाने की बजाय नीतियों को लागू किए जाने से पहले अक्सर संकीर्ण राजनीतिक फायदे आड़े आ जाते हैं। इसे बेहद संवेदनशील तरीके से किए जाने के बावजूद ऐसा होता है।”

मुखर्जी के मुताबिक भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए ऐसी नीतियां जरूरी है ताकि उच्च विकास दर हासिल किया जा सके।

उन्होंने कहा, “लेकिन समय पर कार्रवाई नहीं करने या कार्रवाई नहीं करने से अंतत: किसान और उपभोक्ता प्रभावित होंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो राष्ट्र एक मौका गंवा देगा।”

बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 फीसदी एफडीआई और एकल ब्रांड खुदरा में 100 फीसदी एफडीआई के मुद्दे पर विपक्षी दलों के साथ-साथ केंद्र सरकार के सहयोगी दल भी संसद की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं।

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