कोलकाता ।। पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर हुई मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता बिमान बोस ने स्वीकार किया है कि वाम मोर्चा सरकार आदर्श कम्युनिस्ट नेताओं को पैदा कर पाने में विफल रही है।

माकपा की राज्य इकाई के महासचिव बोस ने कहा, “हम आदर्श कम्युनिस्ट नेताओं व कार्यकर्ताओं को तैयार नहीं कर सके।”

ज्ञात हो कि पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के साथ ही राज्य में 34 साल पुराने कम्युनिस्ट शासन का अंत हो गया।

पार्टी के बांग्ला मुख पत्र ‘देश हितैषी’ के विशेषांक में बोस ने पार्टी के कार्यक्रमों, संगठन और समिति की बैठकों में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन में हुई गलतियों की पहचान की है।

बोस ने राज्य समिति के स्तर से लेकर सबसे निचली समिति के स्तर तक व्यवहारगत कमियों के बारे में भी बात की है और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि उन्हें संगठन को मजबूत करना चाहिए।

बोस ने कहा, “हमें राज्य स्तर से लेकर सबसे निचले स्तर तक जिस आचरण के साथ काम करना चाहिए था और जिस तरीके से हमें लोगों के बीच रहना चाहिए था, हम वैसा नहीं कर पाए।”

बोस ने कहा कि पार्टी ग्रामीण गरीबों में एकता बना पाने में विफल रही है, लिहाजा ये गरीब तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और सोशलिस्ट युनिटी सेंटर ऑफ इंडिया के कुप्रचार के शिकार हो गए।

बोस ने कहा कि माकपा 2008 के पंचायत चुनावों में हुई पराजय से सीखने में विफल रही और उसने ग्रामीण गरीबों को अपने साथ जोड़ने पर ध्यान नहीं दिया। इसी तरह शहरी इलाकों में पार्टी वंचित वर्गो के हितों में आंदोलन आयोजित नहीं कर पाई। उन्होंने कहा, “इस तरह की कुछ गलतियों के कारण गरीब लोग भ्रमित हो गए और हमसे दूर हो गए।”

कम्युनिस्ट पार्टी को वर्ग दृष्टि से चलाने के लिए जरूरी तरीके में व्याप्त खामियों को भी बोस ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा, “हमने पार्टी चलाने और पार्टी कार्यकर्ताओं में कम्युनिस्ट भावना भरने पर बार-बार निर्णय लिए हैं। लेकिन कई ऐसे क्षेत्र थे, जहां ये निर्णय प्रभावी नहीं हो पाए।”

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