नई दिल्ली ।। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में जनांदोलन खड़ा करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे और नेताओं के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर में हो रहे भ्रष्टाचार और राजनीतिक अपराधों को लेकर वे चुप क्यों हैं।

महबूबा ने साथ ही यह भी कहा कि राज्य के प्रति इन लोगों की यह उदासीनता ही ‘कश्मीरियों की त्रासदी’ है।

जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में विपक्ष की नेता महबूबा ने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के एक कार्यकर्ता 61 वर्षीय सैयद मोहम्मद यूसुफ की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी, लेकिन अन्ना हजारे एवं अन्य लोगों ने इस मामले को नहीं उठाया। ये वे लोग हैं जो देश में कथित राष्ट्रीय हित को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। यूसुफ को राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का काफी करीबी माना जाता था।

महबूबा ने कहा, “अन्ना व सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नेताओं की कश्मीर घाटी के प्रति उदासीनता ही कश्मीरियों की त्रासदी है। यदि यूसुफ की हत्या जैसी घटना देश के अन्य हिस्से में हुई होती तो वे खुब हो हल्ला करते।”

महबूबा ने आरोप लगाया कि ऐसे सभी लोग कश्मीर में हो रहे राजनीतिक अपराधों और भ्रष्टाचार के मामले में आंख बंद किए हुए हैं।

महबूबा मानती हैं कि कश्मीर में होने वाली सभी राजनीतिक गतिविधियों और उत्पीड़न की घटनाओं को सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं और मीडिया द्वारा ‘राष्ट्रीय हित के चश्मे’ से देखा गया।

महबूबा कहती हैं, “यदि यही रवैया बरकरार रहा तो मुझे डर है कि कश्मीर में जो लोग अलोकतांत्रिक और भ्रष्टाचार की गतिविधियों में लिप्त हैं, ऐसे लोगों का ही बोलबाला होगा।”

महबूबा ने कहा, “सभी को याद है कि जेसिका लाल हत्याकांड को सामाजिक कार्यकर्ताओं और मीडिया द्वारा कितने जोर शोर से उठाया गया। ऐसा ही ये लोग यूसुफ की मौत के मामले में क्यों नहीं उठाते।”

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