नई दिल्ली ।। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम पर पद का दुरुपयोग कर एक होटल व्यवसायी को लाभ पहुंचाने के मामले में उनके इस्तीफे की मांग पर लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी अड़ी रही।

विपक्ष के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। वहीं आहत चिदम्बरम ने आरोप को खारिज किया। उधर, होटल व्यवसायी ने कहा कि उनकी चिदम्बरम से कभी मुलाकात नहीं हुई थी।

विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए चिदम्बरम ने कहा, “मुझे अत्यंत दुख हुआ है। मैं भाजपा के आधारहीन आरोपों को कड़ाई से खारिज करता हूं।”

चिदम्बरम ने कहा कि अधिवक्ता के तौर पर उनके द्वारा लड़े गए मामलों में से किसी एक के साथ भी वर्तमान में कोई लाभ नहीं जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “चालीस साल में लड़े गए 25,000 मामलों के साथ मेरे हित जीवन भर जुड़े नहीं रह सकते।” उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोप हास्यास्पद हैं।

चिदम्बरम ने कहा, “मैंने होटल व्यवसायी एस.पी. गुप्ता के खिलाफ मामला वापस लेने से सम्बंधित फाइल एक बार देखी थी। मैंने मंत्रालय को इस मामले में कोई भी निर्देश न देने को कहा था।”

वहीं, भाजपा ने चिदम्बरम पर ‘हितों के टकराव’ का आरोप लगाते हुए दो दिनों से संसद में कामकाज ठप्प कर दिया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृहमंत्री ने अपने पूर्व मुवक्किल का पक्ष लेते हुए उसके खिलाफ मामला वापस लेने के लिए पद का दुरुपयोग किया।

भाजपा अध्यक्ष नितिन गड़करी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “चिदम्बरम की जगह संसद और मंत्रालय में नहीं है। उन्हें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा के बगल जेल में डाला जाना चाहिए।”

भाजपा के ही अन्य वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, “उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।”

पहले से ही संसद में चिदम्बरम का बहिष्कार कर रही भाजपा ने इस मसले पर शुक्रवार को संसद में जमकर हंगामा किया और उनके इस्तीफे की मांग की। हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्य हंगामा करने लगे। हंगामा तब भी नहीं रुका जब सभापति हामिद अंसारी एक पूर्व सांसद राज बहादुर गौड़ के निधन पर शोक प्रस्ताव पढ़ रहे थे। इससे वह नाराज हो गए।

उन्होंने कहा, “यदि आप एक-दूसरे का सम्मान नहीं कर सकते तो कम से कम दिवंगत सदस्य का तो सम्मान कीजिए।”

अंसारी की इस बात पर सदन में थोड़ी शांति हुई। सांसदों ने दिवंगत पूर्व सदस्य के लिए खड़े होकर कुछ समय के लिए मौन रखा। लेकिन मौन के तत्काल बाद शोर फिर शुरू हो गया। सभापति ने विपक्षी सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने को कहा, लेकिन उन्होंने उनकी बात अनसुनी कर दी।

यही स्थिति लोकसभा में भी रही। विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही पहले दोपहर तक और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

उधर, दिल्ली के होटल व्यवसायी ने कहा कि चिदम्बरम उनके वकील जरूर थे, लेकिन वह उनसे कभी मिले नहीं। यह पूरा मामला उनके प्रतिद्वंद्वी व्यवसायियों की एक साजिश है।

व्यवसायी एस.पी. गुप्ता से यह पूछे जाने पर कि उनकी पिछली बार चिदम्बरम से कब मुलाकात हुई थी, उन्होंने समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ से कहा, “मैं उनसे कभी नहीं मिला।” चिदम्बरम 1999 में गुप्ता के वकील थे।

गुप्ता ने कहा कि वह प्रतिद्वंद्वी व्यवसायियों की साजिश का शिकार हैं। उन्होंने कहा कि ‘कानून अपना काम करेगा’ और उन्हें उम्मीद है कि तथ्य जल्द ही सामने आएंगे।

इस बीच, संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने चिदम्बरम का खुलकर बचाव किया। उन्होंने कहा, “हितों के टकराव का सवाल कहां से उठता है।”

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