नई दिल्ली ।। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि संसद के दोनों सदनों में चर्चा शुरू होने से पहले वह शनिवार को लोकसभा में लोकपाल मुद्दे पर बयान देंगे। उन्होंने गत 11 दिनों से अनशन पर बैठे गांधीवादी अन्ना हजारे से अनशन तोड़ने की अपनी अपील दोहराई।

मुखर्जी ने शुक्रवार देर रात पत्रकारों से कहा, “दोनों सदनों में लोकपाल मुद्दे पर बहस होनी है और इसके पहले मैं लोकसभा में बयान दूंगा।”

लोकपाल मुद्दे पर रणनीति बनाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में देर रात हुई बैठक के बाद उन्होंने कहा, “बयान के आधार पर दोनों सदनों में बहस शुरू होगी।” बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्री कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और पवन कुमार बंसल शामिल हुए।

मुखर्जी ने कहा, “हम अन्ना हजारे से अपना अनशन समाप्त करने के लिए लगातार अपील कर रहे हैं। मैं उस अपील को दोहराता हूं।”

सदन के नेता मुखर्जी शनिवार को लोकसभा में लोकपाल मुद्दे पर बयान देंगे इसके तुरंत बाद संसद के दोनों सदनों में बहस की शुरुआत होगी।

उल्लेखनीय है कि गतिरोध समाप्त करने की सरकार की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रणब मुखर्जी और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख के साथ परामर्श किया। देशमुख अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों के साथ वार्ता कर रहे हैं।

माना जा रहा है कि बैठक में लोकसभा में मुखर्जी का प्रारम्भिक बयान किस तरह का होगा इसे लेकर चर्चा हुई।

यह बैठक अन्ना हजारे द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के बाद हुई। अपने पत्र में गांधीवादी ने लिखा कि लोकपाल मुद्दे पर संसद में होने वाली केवल चर्चा से बात नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि संसद से यह प्रस्ताव पारित कराना होगा कि लोकपाल विधेयक में उनकी तीन प्रमुख मांगें शामिल होंगी।

संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल ने यह संकेत देते हुए कि बहस के बाज मतविभाजन नहीं होगा, उन्होंने कहा, “इस तरह की चर्चा के लिए कोई नियम नहीं है और यह मंत्री के बयान से जाहिर होगा।”

उल्लेखनीय है कि मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा में नियम 184 और राज्यसभा में नियम 167 के तहत बहस कराने के लिए नोटिस दिया है। इन नियमों के तहत बहस के बाद मतविभाजन का प्रावधान है।

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