कोलकाता/नई दिल्ली ।। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने मंगलवार को कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में आगे बढ़ोतरी हुई तो उनकी पार्टी सरकार से अलग हो जाएगी। जबकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पेट्रोल मूल्य वृद्धि की वापसी से इंकार किया।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने भविष्य में रसोई गैस, डीजल और केरोसिन के मूल्य में वृद्धि नहीं होगी इसका भी भरोसा नहीं दिया।

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के साथ कोलकाता में बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने कहा, “हम इंतजार करेंगे। पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस की कीमतें यदि फिर बढ़ाई जाती हैं तो हम इस सरकार के साथ नहीं रहेंगे।”

इस बीच, प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से नई दिल्ली में मुलाकात की और उन्होंने पेट्रोल की कीमत में गुरुवार को हुई प्रति लीटर 1.80 रुपये की बढ़ोतरी वापस लेने से इंकार किया।

ममता ने इस बारे में जानकारी कोलकाता में पत्रकारों को दी। ममता ने यह भी बताया कि मनमोहन सिंह ने सांसदों से कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है कि केरोसिन, डीजल और रसोई गैस की कीमतें भविष्य में बढ़ेंगी।

संप्रग सरकार की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने कहा, “मेरे पास इस बात की सूचना थी कि केंद्र सरकार रसोई गैस की कीमत बढ़ाने की सोच रही है। इससे सम्बंधित निर्णय मंत्रियों के अधिकारप्राप्त समूह के पास है।”

उन्होंने कहा, “निर्णय के अनुसार केंद्र सरकार रियायती दरों पर केवल तीन सिलेंडर प्रतिवर्ष उपलब्ध कराएगी और इसके बाद आम जनता को 850 से 900 रुपये देकर सिलेंडर खरीदने होंगे।”

बनर्जी ने कहा, “मेरे सांसदों ने हमें बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि गैस, डीजल और रसोई गैस के दाम आगे बढ़ेंगे कि नहीं इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने इस बात का भरोसा नहीं दिया कि दाम बढ़ेंगे या नहीं। मूल्य वृद्धि न होने के बारे में उन्होंने प्रतिबद्धता नहीं दी।”

प्रधानमंत्री के रुख को एक ‘कूटनीतिक चाल’ बताते हुए नाराज ममता ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जब पेट्रो उत्पादों की कीमतें बढ़ती हैं तो देश में इनकी कीमतें बढ़ा दी जाती हैं और जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम होती हैं तो घरेलू बाजार में कीमतें कम नहीं की जातीं।”

एक टेलीविजन चैनल से ममता ने कहा, “सरकार के मंजूरी के बगैर पेट्रोल की कीमत नहीं बढ़ सकती, मैं यह अच्छी तरह जानती हूं। मैं किसी समय केंद्रीय मंत्रिमंडल का अंग रही हूं।”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस की नेतृत्ववाली सरकार ने 12 महीनों में 11 बार दाम बढ़ाए हैं और इसके बाद भी सरकार कीमत न बढ़ाए जाने की प्रतिबद्धता नहीं देती है तो देश को इस तरह चलाने की जरूरत नहीं है।”

ममता ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि सहयोगी दलों पर ‘निर्णयों को थोपने की राजनीति’ गठबंधन की राजनीति से मेल नहीं खाती।

उन्होंने कहा, “यदि वे कहते हैं कि उन्हें हमारी जरूरत नहीं तो हम अलग होने के लिए तैयार हैं लेकिन जनता पर यदि बोझ पड़ता है तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। वे अन्य दलों से गठबंधन कर सकते हैं लेकिन हम आम जनता के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

ज्ञात हो कि ममता ने यह बयान मुखर्जी के साथ हुई मुलाकात को ‘सामान्य बैठक’ बताने के कुछ मिनट बाद दिया।

वहीं, केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने ममता के साथ बैठक के दौरान केवल राज्य की वित्तीय परेशानी पर ही नहीं बल्कि सभी मुद्दों पर भी बातचीत की।

नई दिल्ली के लिए उड़ान भरने से पहले नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मुखर्जी ने पत्रकारों से कहा, “केवल वित्तीय समस्या ही नहीं..हमने सभी मुद्दों पर बातचीत की। मैंने सुना है कि तृणमूल के सांसदों ने प्रधानमंत्री से भी चर्चा की है। प्रधानमंत्री ने भी उनके समक्ष अपनी बात रखी है।”

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