कोलकाता ।। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर कर पश्चिम बंग करना एक गैर जरूरी कवायद है। चटर्जी ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से महसूस करता हूं कि यह कवायद पूरी तरह अनावश्यक है, क्योंकि किसी खास मुद्दे पर राज्य का प्रभाव इस पर निर्भर करेगा कि मुद्दे में कितना दम है।

वर्णमाला क्रम में राज्य का नाम पीछे आने से कोई फर्क नहीं पड़ता।

उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच राज्य के नाम में परिवर्तन पर सहमति बनी थी। तर्क दिया गया था कि राज्य का पहला अक्षर डब्ल्यू से आरंभ होने के कारण अंतर्राज्यीय मसलों पर वर्णमाला क्रम में चर्चा होने पर पश्चिम बंगाल की बारी सबसे अंत में आती है, इसलिए अंग्रेजी में भी इसे पश्चिम बंग ही कहा जाए।

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