अगरतला ।। त्रिपुरा के एक मंत्री ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों की अनदेखी कर रही है जबकि कांग्रेस व उसके सहयोगियों की सत्ता वाले राज्यों का आर्थिक पैकेज मुहैया करा रही है।
वित्त मंत्री बादल चौधरी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, “संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने हाल ही में पश्चिम बंगाल व असम सरकारों को बड़ी वित्तीय मदद देने का निर्णय लिया है लेकिन उसने त्रिपुरा सरकार की 14,600 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की मांग पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।”
त्रिपुरा में वाम मोर्चे की सरकार है।
चौधरी ने कहा, “मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सितम्बर की शुरुआत में एक पत्र लिखा था। वह 13वें वित्त आयोग की त्रुटिपूर्ण सिफारिशों के मद्देनजर राज्य में पैदा हुए वित्तीय संकट से उबरने के लिए चर्चा चाहते थे। सिंह ने अब तक सरकार के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है।”
चौधरी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति के सदस्य भी हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “यदि केंद्र सरकार अनुदान या आर्थिक सहायता देने के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से काम लेती है तो भारतीय शासन की संघीय संरचना कैसे मजबूत होगी।”
तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल व कांग्रेस शासित असम को वित्तीय पैकेज देने के केंद्र सरकार के निर्णय का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “केंद्र को हमारी मांग के प्रति भी सकारात्मक रुख दिखाना चाहिए।”
त्रिपुरा ने साल 2009 में 27,000 करोड़ रुपये के आसपास अनुदान की मांग की थी लेकिन 13वें वित्त आयोग ने उसे 16,350 करोड़ रुपये का अनुदान देने की सिफारिश की। पिछले साल केंद्र सरकार ने आयोग की यह रिपोर्ट स्वीकार कर ली थी।