नई दिल्ली ।। लोकपाल विधेयक के मसौदों को परख रही संसदीय समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को कहा कि समिति अपना कार्य जल्द पूरा कर विधेयक को अंतिम रूप देगी।

सिंघवी ने कहा कि कार्य पूरा होने का निर्धारित समय बताना संसदीय परंपरा के विरुद्ध होगा। वह चाहेंगे कि दिसंबर की शुरुआत में कार्य पूरा हो जाए।

उन्होंने कहा, “मैंने समय निर्धारित करने से दृढ़तापूर्वक इंकार कर दिया था क्योंकि मुझे लगा कि ऐसा करना संसदीय प्रक्रिया और शिष्टाचार के विपरीत होगा। लेकिन कार्य करने की हमारी गति और प्रगति को देखकर आप कह सकते हैं कि हम बेहतर ढंग से कार्य कर रहे हैं। मैं चाहूंगा कि दिसंबर की शुरुआत से पहले निष्कर्ष पर पहुंचा जाए।”

सिंघवी ने कहा कि समाज के सभी वर्गो के प्रतिनिधियों से परामर्श लेने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। समिति अब आंतरिक विचार-विमर्श कर रही है। उन्होंने कहा कि विधेयक को सशक्त बनाने के लिए टीम अन्ना सहित अन्य लोगों के सुझावों को शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “मैं बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि टीम अन्ना ने जिन बिंदुओं पर अकाट्य तर्क दिए हैं, उन बिंदुओं पर हम सरकार के मसौदे के विरुद्ध जा रहे हैं। इस संदर्भ में मेरे विचार पूरी तरह खुले हुए हैं।”

उल्लेखनीय है कि टीम अन्ना लोकपाल विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पारित कराने की मांग करती रही है जो 21 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा। अन्ना हजारे ने चेतावनी भी दी है कि यदि 21 दिसंबर तक विधेयक पारित नहीं हुआ तो वह फिर अनशन करेंगे।

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