देवबंद (उत्तर प्रदेश)।। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सद्भावना उपवास के तीसरे दिन सोमवार को इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने अपने तेवर साफ कर दिए। सबसे बड़े दीनी मदरसे के मोहतमीम मौलाना अबुल कासिम बनारसी ने मोदी के उपवास को ‘ड्रामा’ करार दिया।

मौलाना ने कहा, “इस मामले पर हमने पहले चुप रहने की नीति बनाई थी लेकिन जो सूरतेहाल सामने आ रहे हैं वे बेहद तकलीफदेह हैं। फसादात के सिलसिले में मोदी का अब तक जो चेहरा सामने आया है उसे भुला देना नामुमकिन है। सिर्फ एक उपवास की बुनियाद पर उनके पैर छूना और एहतराम के लिए खड़े होना मुसलमानों के लिए जमीरफरोशी है। मुसलमानों को इससे अलग रहना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “माफ करने का हक केवल मजलूमों को होता है। उन्होंने माफी मांगी है और फसाद की मजम्मत की है, मगर उनका उपवास एक दिखावे से ज्यादा कुछ नहीं है। यह वही अमेरिका है जिसने एक दफा मोदी को वीजा देने से इंकार कर दिया था। आज उनमें ऐसी कौन सी तब्दीली आ गई कि अमेरिका को मोदी में एक अच्छे प्रधानमंत्री की खूबियां दिखाई देने लगे।”

वहीं दारुल उलूम देवबंद के छात्र मोहम्मद अम्मान का कहना है कि गुजरात के दंगों को हम नहीं भूल सकते। कोई भी मुसलमान मोदी को माफ नहीं कर सकता। उनके इस उपवास से किसी को कोई भी फायदा नहीं होने वाला है। हिंदुस्तान का कोई आदमी कभी भी मोदी को वजीरेआजम के तौर पर कबूल नहीं कर सकता।

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