भारत गणराज्य के 15 वें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं जिन्हें जनता ने पूर्ण बहुमत के साथ चुना है। नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक जीवन में काफी लंबा सफर किया है। आइए जानते हैं नरेंद्र मोदी के राजनीतिक जीवन के सभी पहलू।
नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत परिचय।
नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को वाडनगर में हुआ था। वाडनगर तात्कालिन मुंबई स्टेट का तब हिस्सा था। बाद में वाडनगर को गुजरात राज्य के साथ जोड़ दिया गया। नरेंद्र मोदी के पिता दामोदर दास मूलचंद्र दास मोदी थे। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से नरेंद्र मोदी का रिश्ता रहा था। ऐसा कहा जाता है कि अपने जीवन यापन के लिए नरेंद्र मोदी ने रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का काम भी किया था |
राजनीति में कदम और उपलब्धी।
नरेंद्र मोदी ने वर्ष 1967 में राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ की सदस्यता ग्रहण कर ली। 1967 में ही नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे थे।
उनसे जुडी कुछ बातें
· 1967 में अहमदाबाद पहुंचे जहां उन्होनें RSS की सदस्यता ले ली।
· 1974 में नरेंद्र मोदी ने नव निर्माण आंदोलन में हिस्सा लिया।
· राजनीति में आने से पहले मोदी लगातार RSS के प्रचारक के रूप में काम करते रहे।
· कहा जाता है कि 1975 से 1977 तक नरेन्द मोदी ने आपातकाल के समय भी भूमिगत रहकर इस आंदोलन में हिस्सा लिया था।
· 1980 के दशक में नरेंद्र मोदी गुजरात भाजपा के साथ जुड़ गये।
· वर्ष 1988-1989 में नरेंद्र मोदी ने गुजरात भाजपा के महासचिव बनाए गये।
· 1990 में नरेंद्र मोदी ने आडवाणी के सोमनाथ से अयोध्या तक के रथयात्रा के आयोजन मे अहंम भूमिका निभाया था।
· रथयात्रा में अहम भूमिका निभाने के कारण उन्हे कई राज्यों का प्रभारी बना दिया गया।
· वर्ष 1985 में नरेद्र मोदी को पांच राज्यों का प्रभारी और राष्ट्रीय सचिव बनाया गया।
· 1998 में नरेद्र मोदी को राष्टीय महासचिव बनाया गया। 1998 से 2001 तक नरेद्र मोदी बीजेपी के राष्टीय महासचिव रहे।
· वर्ष 2001 में नरेद्र मोदी को गुजरात के तात्कालिन मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल को हटा कर मुख्यमंत्री बना दिया गया।
· नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 2002, 2007 और 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव को जीता।
· नरेंद्र मोदी हर चुनाव में मजबूत बनकर उभरते रहे।
· वर्ष 2013 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया।
· 2014 में नरेद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ जीत दर्ज की यह जीत एतिहासिक रही।
राजनीतिक जीवन में विवाद
नरेंद्र मोदी का अपने राजनीतिक जीवन में विवादों से गहरा रिश्ता रहा है। नरेद्र मोदी ने जिस रफ्तार से तरक्की की है उसी रफ्तार से उनके उपर हमले भी हुएं। जिनमें कुछ विवाद काफी चर्चित रहे हैं।
·गुजरात दंगा- गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद गोधरा नामक स्टेशन पर ट्रेन के डब्बे में आग लगा दी गयी। परिणाम स्वरूप 58 कारसेवकों की इस घटना में मौत हो गयी। इस घटना के बाद पूरे गुजरात में दंगा भड़क उठा। पूरे राज्य में हुए दंगो में 2000 से अधिक लोगों की मौत हो गयी। इस पूरे घटना क्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी पर विपक्ष ने जमकर हमला किया।
गुजरात दंगे में विपक्ष हलांकि मोदी के उपर दंगा को न रोकने का आरोप लगाता रहा लेकिन जांच एजेंसियों ने इस मामले में नरेंद्र मोदी को क्लिनचीट दे दी।
प्रधानमंत्री के दावेदारी पर विवाद- जब नरेद्र मोदी को बीजेपी ने प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाया तो पार्टी और पार्टी के बाहर भी काफी विवाद देखने को मिली। मोदी को आडवाणी के उपर वरीयता दी गयी थी। आडवाणी समर्थक नेता इस बात को साफ-साफ पचा नहीं पा रहे थे।
गठबंधन सहयोगी ने भी गठबंधन तोड़ लिया था- बीजेपी की 20 वर्ष पूरानी सहयोगी जदयू ने नरेद्र मोदी के दावेदारी को अस्वीकार कर के बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन से अपने आप को अलग कर लिया था। हलांकि जदयू के इस विरोध का बीजेपी के उपर कोई असर नहीं हुआ।
·गठबंधन सहयोगी के साथ विवाद- सरकार बनने के बाद नरेद्र मोदी की अपने गठबंधन सहयोगी के साथ रिश्ते बनते बिगड़ते रहे। शिवसेना जैसे बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी मोदी और उनके सहयोगी अमीत शाह के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये।