नई दिल्ली, Hindi7.com ।। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आर.वी. रवींद्रन और न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक की खंडपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “आरक्षण का लाभ नौकरशाहों और राजनीतिज्ञों द्वारा ही उठाया जा रहा है। जिनको आरक्षण का लाभ उठाना चाहिए, वे इसके प्रति जागरूक ही नहीं हैं।”
दो न्यायाधिशों की पीठ ने आगे कहा कि “नौकरशाहों और सरकारी नौकरी कर रहे लोगों के बच्चे ही आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके की कोई भी जनजाति आरक्षण का लाभ नहीं पाती है। यहां तक कि वे इसके बारे में जानते भी नहीं हैं।” न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस तरह की टिप्पणी दी।
इस याचिका में दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग [ओबीसी] के दाखिले के लिए दोषपूर्ण आरक्षण व्यवस्था लागू करने का आरोप लगाया गया है।