सिडनी ।। यदि आप संगीत प्रेमी हैं तो कृपया सावधान हो जाइए, क्योंकि एक नए शोध में पता चला है कि जो लोग तेज ध्वनि वाले संगीत (रॉक संगीत) सुनना पसंद करते हैं वे आत्महत्या की प्रवृति से ग्रसित हो सकते हैं।
शोध में कहा गया है कि जो युवक अवसाद से ग्रसित होते हैं, वे खुद को वास्तवकिता से दूर रखने के लिए तेज ध्वनि वाले संगीत सुनने का प्रयास करते हैं।
मेलबर्न विश्वविद्यालय में म्यूजिक थिरेपी की वरिष्ठ लेक्च रर कैटरीना मैक्फेरन ने कहा, “उदाहरण के तौर पर जो व्यक्ति तेज ध्वनि वाला संगीत बार-बार सुनता है वह उसके अलावा अन्य चीजों को सुनना पसंद नहीं करता है।”
मैक्फेरन कहती हैं, “यदि ऐसा व्यवहार लम्बे समय तक किसी व्यक्ति में बना रहता है तो उस व्यक्ति के अवसादग्रस्त होने या चिंता से ग्रसित होने की सम्भावना बढ़ जाती है।”
वह कहती हैं कि तेज ध्वनि वाले गाने सुनने से और लोगों की अपेक्षा युवाओं के अवसादग्रस्त होने का खतरा अधिक होता है।
मेक्फेरन कहती हैं कि 13 से 18 वर्ष के लगभग 1,000 युवाओं का साक्षात्कार लेने के बाद ऐसे नतीजे सामने आए हैं। वह कहती हैं कि अभिभावकों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उनके बच्चे किस तरह के संगीत सुन रहे हैं और समय रहते उसकी पहचान कर आवश्यक कदम उठाना चाहिए।