नई दिल्ली, Hindi7.com ।। पाकिस्तान की नवनियुक्त युवा विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भारत की धरती पर कदम रखते ही वह सब करने से परहेज नहीं कर रही हैं, जिससे भारत को हमेशा से सख्त एतराज रहा है। बुधवार को विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा के साथ होने वाले बैठक के पहले हिना ने हुर्रियत नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर अहमद शाह, बिलाल गनी लोन और अन्य से मुलाकात कर साफ कर दिया कि उनका एजेंडा भी अपने पूर्ववर्तियों की तरह ही है। इससे पहले अलगाववादी नेता यासीन मलिक इस्लामाबाद जाकर खार से मुलाकात कर चुके हैं।

गौरतलब है कि जो भी पाक नेता भारत से वार्ता करने के लिए आता है, वह सबसे पहले अलगाववादी नेताओं से मुलाकात करता है। यह पाकिस्तान की परंपरागत नीति का हिस्सा रहा है। हिना ने भी हुर्रियत नेताओं से मुलाकात कर अपना एजेंडा साफ कर दिया है। वैसे इस बार भारत ने रब्बानी के दौरे को अंतिम रूप देने से पहले ही इस तरह के मुलाकातों पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका था।

रब्बानी को यह भी सलाह दी गई थी कि इसके बावजूद वह अलगाववादियों से मुलाकात करती हैं, तो कम से कम उनसे हिंसा का रास्ता छोड़ कर मुख्य धारा में शामिल होने की अपील जरूर करें।

रब्बानी से मुलाकात करने के बाद उत्साहित गिलानी ने भारत विरोधी आग उगली शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि जब तक हिंदुस्तान की सरकार जम्मू-कश्मीर के लिए आजादी की मांग को नहीं मान लेती और दूसरी मांगों को पूरा नहीं करती, वार्ता करने का कोई फायदा नहीं होगा।

बताया जाता है कि इस मुलाकात के दौरान हिना ने अलगाववादियों को भरोसा दिलाया है कि वह भारत के विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा के साथ होने वाली मुलाकात के दौरान कश्मीर के मसले को खुलकर उठाएंगी।

अलगाववादियों से मुलाकात करने के बाद एक बयान में पाक विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार की हिमायत करता है।

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