LAL krishn advani

भारतीय राजनीति में कुछ नेता ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने राजनीति की धारा को बदल दिया। लालकृष्ण आडवाणी उन्हीं में से एक नेता हैं । आडवाणी से जुड़े कुछ तथ्य जो आपको जानने चाहिए। आडवाणी से जुडी हर वो बातें जो आपको सोचने को मजबूर कर देंगी ।

लालकृष्ण आडवाणी का व्यक्तिगत परिचय
बीजेपी के फायरब्रांड नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। उस समय कराची भारत का एक शहर था। हैदराबाद और मुंबई से पढाई करने वाले आडवाणी ने देश बंटवारे के बाद अपने आप को भारत में स्थापित कर लिया। भारतीय राजनीति में आडवाणी को कांग्रेस विरोध की राजनीति और राष्ट्रवादी विचारधारा को घर-घऱ पहुंचाने के लिये याद किया जाता है।

लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफर
आडवाणी का राजनीतिक सफर काफी उतार चढाव से भरा रहा। आडवाणी कई बार अपने राजनीतिक जीवन में जेल भी गये कई विवादो से भी उनका नाता रहा।
· लालकृष्ण आडवाणी ने 1942 मे ही RSS की शाखा को कराची में ज्वाइन कर लिया था।
· देश के अलग होने के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने राजस्थान के कुछ क्षेत्र में 1952 में RSS के प्रचारक के रूप में काम किया।
· 1951 में जब भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई तो आडवाणी भारतीय जनसंघ में भी शामिल हो गये।
· 1957 में आडवाणी को दिल्ली इकाई जनसंघ का अध्यक्ष बनाया गया।
· 1967 में लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली में महानगरीय परिषद के काउंसिल के नेता बने।
· 1970 में आडवाणी को राज्यसभा सदस्य बनाया गया।
· 1973 आते-आते आडवाणी भारतीय जनसंघ के मजबूत नेता बन चुके थे।
· 1975 मे लालकृष्ण आडवाणी को आपातकाल में गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया।
· 1977 में आडवाणी ने जेल से ही आम चुनाव में हिस्सा लिया और जीत दर्ज कराइ ।
· 1980 में जनता पार्टी की सरकार गिर जाने के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर बीजेपी की स्थापना की।
· 1982 में लालकृष्ण आडवाणी मध्यप्रदेश से एक बार फिर राज्यसभा के लिये मनोनित हुए।
· बीजेपी की स्थापना के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने राम जन्म भूमि विवाद को मुद्दा बना दिया।
· 1989 के चुनाव में आडवाणी के सूझबूझ की बदौलत बीजेपी को कुल 86 लोकसभा सीटों पर जीत प्राप्त हुई।
· 1990 में लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए रथ यात्रा निकालने का फैसला लिया उनके इस कदम से देश भर में पार्टी के विस्तार में काफी मदद मिली।
· 1991 में एक बार फिर बीजेपी को फायदा हुआ और बीजेपी 119 सीट जीत गयी।
· 1992 में लालकृष्ण आडवाणी पर अयोध्या में भड़काउ भाषण देने का आरोप लगा जिसके बाद उनके उपर केस भी दर्ज किया गया।
· 1995 में आडवाणी का नाम हवाला कांड में आया जिसके बाद उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया।
· 1998 के चुनाव में आडवाणी हवाला कांड से पाक साफ हो चुके थे। आडवाणी पहली बार देश के गृहमंत्री बने।
· 1999 के चुनाव में भी बीजेपी को जीत मिली और उन्होने एक बार फिर से गृहमंत्री का पद संभाला।
· 2002 में लालकृष्ण आडवाणी को देश का उपप्रधानमत्री बनाया गया।
· 2004 के चुनाव में बीजेपी की सरकार के हार जाने के बाद आडवाणी को विपक्ष का नेता बनाया गया।
· 2004 से 2009 तक आडवाणी लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे।
· 2009 के चुनाव में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया लेकिन उनके गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा।
· 2014 के चुनाव में भी हलांकि उन्होने हिस्सा लिया लेकिन चुनाव जीतने के बाद भी उन्हें सरकार में जगह नहीं दी गयी।

लालकृष्ण आडवाणी के साथ जुड़े विवाद।
· 1973 में आडवाणी ने अपने ही पार्टी के अध्यक्ष बरराज मधोक को पार्टी से निकाल दिया था।
· 1990 मे बिहार के समस्तीपूर में रथ यात्रा लेकर जाने के दौरान कानून व्यवस्था का हवाला देकर आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया।
· 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के तोड़ने के मामले में भी लालकृष्ण आडवाणी के उपर मामले दर्ज किये गये।
· 2005 में जिन्ना के मजार पर चादर चढाने के मामले में भी आडवाणी विवादों में रहें।

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