न्यूयार्क ।। विश्व की सातवीं वरीयता प्राप्त आस्ट्रेलियाई टेनिस खिलाड़ी समांथा स्टोसुर ने 13 बार ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुकीं अमेरिका की सेरेना विलियम्स को हराकर अमेरिकी ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया।

रविवार को खेले गए महिलाओं की एकल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में टूर्नामेंट की नौवीं वरीयता प्राप्त स्टोसुर ने 28वीं वरीयता प्राप्त सेरेना को सीधे सेटों में 6-2, 6-3 से हरा दिया। स्टोसुर ने इस मुकाबले को एक घंटे और 13 मिनट में अपने नाम कर लिया।

स्टोसुर के करियर का यह पहला ग्रैंड स्लैम खिताब है। स्टोसुर वर्ष 1973 के बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम करने वाली पहली आस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी हैं। इससे पहले अंतिम बार आस्ट्रेलिया की मार्गरेट कोर्ट ने इस खिताब पर कब्जा जमाया था। वर्ष 1980 के बाद कोई भी ग्रैंड स्लैम जीतने वाली स्टोसुर दूसरी आस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी हैं।

इससे पहले, गत वर्ष फ्रेंच ओपन के खिलाबी मुकाबले में पहुंचने वाली स्टोसुर ने वर्ष 2005 और 2006 में लगातार दो युगल ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किए थे। इस दौरान उन्होंने फ्रेंच ओपन और अमेरिकी ओपन ग्रैंड स्लैम का युगल खिताब जीता था।

खिताबी मुकाबले में स्टोसुर ने शुरुआत से ही सेरेना पर दबाव बनाए रखा और उसे अंत तक कायम रखने में वह सक्षम रहीं। सेरेना का चौथी बार खिताब जीतने का सपना टूट गया।

जीत के बाद 27 वर्षीया स्टोसुर ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मैं खिताबी मुकाबले से पहले तनावमुक्त थी। पिछले वर्ष फ्रेंच ओपन ग्रैंड स्लैम के फाइनल में खेलने का अनुभव काम आया।”

गत वर्ष फ्रेंच ओपन के खिताबी मुकाबले में स्टोसुर को इटली की फ्रांसिस्का शियावोन ने हरा दिया था।

स्टोसुर ने कहा, “मुझे लगता है कि यह मेरे सर्वश्रेष्ठ दिनों में से एक था। इस खिताब को जीतना मेरा सपना था। वास्तव में मैं नहीं जानती कि मैं क्या कहूं और अपनी खुशी को कैसे बयां करूं।”

लगभग एक वर्ष तक कोर्ट से दूर रहने के बाद सेरेना ने इस वर्ष जून में टेनिस कोर्ट पर वापसी की थी। बीमारी और चोट के कारण सेरेना को पिछले दिनों कोर्ट से दूर रहना पड़ा था।

चोट और बीमारी से उबरकर शानदार वापसी करने वाली सेरेना को इस खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। सेरेना शानदार खेल का प्रदर्शन कर खिताबी मुकाबले में पहुंची थीं।

सेरेना ने हार के बाद कहा, “स्टोसुर ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। छह महीने पहले जब मैं अस्पताल में भर्ती थी उस समय मैं यहां खड़े होने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी।”

उल्लेखनीय है कि इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के पहले दौर में स्टोसुर ने स्वीडन की सोफिया अरविडसन को 6-2, 6-3 से पराजित कर दूसरे दौर में प्रवेश किया था।

दूसरे दौर के मुकाबले में स्टोसुर ने अमेरिका की कोका वानडेवेघे को 6-3, 6-4 से पराजित किया था जबकि तीसरे दौर के मुकाबले मं उन्होंने रूस की नादिया पेत्रोवा को 7-6[7-5], 6-7[5-7], 7-5 से शिकस्त दी थी।

चौथे दौर के मुकाबले में स्टोसुर ने मारिया किरिलेंको को 6-2, 6-7[15-17], 6-3 से पराजित किया। क्वार्टर फाइनल में स्टोसुर ने रूस की वेरा ज्वोनारेवा को 6-3, 6-3 से शिकस्त दी थी जबकि सेमीफाइनल में उन्होंने जर्मनी की अनगेलिक केरबर को 6-3, 2-6, 6-2 से पराजित किया था।

दूसरी ओर, अमेरिका की लिजेल हूबर और लिसा रेमंड की चौथी वरीयता प्राप्त जोड़ी ने महिलाओं की युगल स्पर्धा का खिताब अपने नाम किया।

हूबर और रेमंड की जोड़ी ने हमवतन वानिया किंग और कजाकिस्तान की यारोस्लावा श्वेदोवा की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी को 4-6, 7-6 [7-5], 7-6 [7-3] से मात दी।

उल्लेखनीय है कि रेमंड का यह छठा युगल ग्रैंड स्लैम खिताब है जबकि हूबर ने पांचवीं बार युगल ग्रैंड स्लैम खिताब पर कब्जा जमाया है।

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