रायपुर ।। छत्तीसगढ़ के एक सरकारी चिकित्सा शिविर से मोतियाबिद का ऑपरेशन कराने के कारण कम से कम 11 बुजुर्गो की आंख की रोशनी चली गई है। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया, “पिछले महीने दुर्ग जिले के बलोड कस्बे में सरकारी चिकित्सा शिविर में मोतियाबिंद के मामूली आपरेशन के कुछ दिन बाद 11 लोगों की आंख की रोशनी चली गई। उन्हें गुरुवार को रायपुर स्थित डॉ भीमराव अम्बेडकर सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”

दुर्ग की जिलाधिकारी रीना बाबासाहेब कांगले ने सरकारी शिविर में ‘लापरवाही’ की बात स्वीकार करते हुए कहा, “प्रशासन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।”

स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक कमल प्रीत सिंह पत्रकारों से कहा, “यह गम्भीर मामला है। मैं कड़ाई के साथ पेश आउंगा। दोषी पाए जाने पर शिविर में ऑपरेशन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जांच करने एवं पीड़ितों को तुरंत सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

पीड़ितों के रिश्तेदारों एवं स्थानीय ग्रामीणों ने ‘अप्रशिक्षित चिकित्सकों’ द्वारा ऑपरेशन करने के विरोध में एक हफ्ते तक विरोध प्रदर्शन किया। बाद में मरीजों को सरकारी वाहन से रायपुर में भर्ती कराया गया।

बलोड में लगा सरकारी चिकित्सा शिविर 30 सितम्बर को समाप्त हुआ था।

 

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