हैदराबाद ।। आंध्र प्रदेश विधानसभा में सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव पर सोमवार सुबह चर्चा शुरू हो गई, लेकिन संख्या सत्ताधारी कांग्रेस के पक्ष में लगती है। पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्य विपक्षी दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा हो रही है। 

बहस की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य के किसान कष्ट में हैं, लेकिन सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है। 

पूर्व मुख्यमंत्री नायडू ने कहा, “हमारा एक मात्र मकसद इस बात को सुनिश्चित कराना है कि किसानों के साथ न्याय हो और किसानों का एजेंडा राष्ट्रीय एजेंडा बने।”

बहस दिनभर चलेगी और शाम को इस पर मतदान हो सकता है। चूंकि प्रजा राज्यम पार्टी (पीआरपी) अपने सभी 18 विधायकों को इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट देने के लिए व्हिप जारी कर चुकी है, लिहाजा ऐसा लगता है कि सरकार इस प्रस्ताव को पर्याप्त बहुमत से पराजित कर देगी। 

मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एमआईएम) भी प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेगी। इस पार्टी के पास सात विधायक हैं। 

कांग्रेस के पास 295 सदस्यीय सदन में 153 विधायक हैं और चूंकि सात सीटें खाली हैं, लिहाजा प्रस्ताव को पराजित करने के लिए मात्र 144 मतों की आवश्यकता है। यदि कांग्रेस के 17 विद्रोही विधायकों ने वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी के साथ प्रस्ताव के खिलाफ भी वोट दिया तो भी सरकार को 162 वोट मिलने तय हैं। 

कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद पीआरपी प्रमुख के. चिरंजीवी ने अपने सभी 18 विधायकों को व्हिप जारी किया। लेकिन उसमें से एक शोभा नागी रेड्डी, जगन की वफादार हैं और प्रस्ताव के पक्ष में मतदान कर सकती हैं।

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