पटना ।। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नेशनल बुक ट्रस्ट, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय, और बिहार सरकार के सहयोग से आयोजित ‘राष्ट्रीय पुस्तक मेले’ में पुस्तक प्रेमियों का हुजूम उमड़ रहा है।

पुस्तक प्रेमियों को जहां उनकी पसंदीदा पुस्तकें आसानी से उपलब्ध हो रही हैं, वहीं प्रकाशकों को भी उनकी उपस्थिति उत्साहित कर रही है। मेले का उद्घाटन शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेतिया से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया। 

70,000 वर्गफुट में लगे इस मेले में प्रकाशक इस वर्ष कई नई पुस्तकों के साथ पाठकों के बीच पहुंचे हैं। प्रभात प्रकाशन के राजेश शर्मा ने आईएएनएस से कहा कि पटना में हमेशा से ही लोगों का पुस्तकों के प्रति रुझान रहा है। इस मेले का इंतजार हमलोग वर्ष भर करते हैं। 

उन्होंने बताया कि राज्य की उद्योग मंत्री रेणु कुमारी की पुस्तक ‘गांधी दर्शन के पांच सूत्र’, डॉ़ राजेन्द्र प्रसाद की पुस्तक ‘चम्पारण में महात्मा गांधी’, अ™ोय की पुस्तक ‘रचना सागर’ सहित कई नई पुस्तकें इस बार मेले में आई हैं, जो दर्शकों को लुभा रही हैं। 

राजपाल प्रकाशन के सुरेश शर्मा भी मानते हैं कि पाठकों का काफी प्रेम मिल रहा है। वह भी इस वर्ष कई नई पुस्तकों के साथ मेले में आए हैं। वाग्देवी प्रकाशन के महेश जोशी कहते हैं कि इस बार वह 4,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह लेकर आए हैं। इनमें स्त्री विमर्श, बाल साहित्य, उपन्यास शामिल हैं। वह कहते हैं कि पहले दिन से ही पुस्तकें बिक रही हैं। 

राजकमल प्रकाशन के रामनरेश सिंह ने कहा कि पटना में पुस्तक प्रेमियों की कभी कमी नहीं रही। उन्होंने कहा कि इस बार वह 10,000 से अधिक पुस्तकें ले कर आए हैं। वह कहते हैं कि मैथिली कथा संचयन, मैथिली कविता संचयन, जापान की लोककथाएं उनके स्टॉल पर उपलब्ध हैं। 

मेला आयोजकों की तरफ से सभी पुस्तकों पर 10 प्रतिशत की छूट देने की व्यवस्था की गई है। 

पटना मेडिकल कॉलेज में चतुर्थ वर्ष की छात्रा सोनाली कहती हैं कि इस वर्ष मेले में निशुल्क प्रवेश, पुस्तक प्रेमियों को खींच रहा है। वह कहती हैं कि कई नई पुस्तकें काफी रोचक हैं। 

एक अन्य छात्र अतुल कुमार का कहना है कि सभी प्रकाशकों की पुस्तक एक स्थान पर मिल जा रही है, यह बड़ी बात है। कुमार ने कहा कि यह पुस्तक मेला पटना को अलग पहचान देता है। 

राष्ट्रीय पुस्तक मेला के प्रभारी राकेश कुमार ने शनिवार को बताया कि मेले में नेशनल बुक ट्रस्ट, साहित्य अकादमी, ऑक्सफोर्ड, वाणी, राजकमल, प्रभात प्रकाशन, एकलव्य प्रकाशन समेत देश के करीब 175 प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाठकों और लेखकों के बीच सीधा सम्पर्क स्थापित करने के प्रयास के क्रम में कई साहित्यिक कार्यक्रमों के भी आयोजन किए जा रहे हैं। 

इन कार्यक्रमों में व्यंग्य पाठ, पुस्तक लोकार्पण एवं परिचर्चा, लेखक से मिलिए कार्यक्रम, बच्चों की पुस्तकों में बचपन विषय पर संगोष्ठी, सृजनात्मक लेखन एवं चित्रांकन पर कार्यशाला सहित कई आयोजन किए जा रहे हैं। यह मेला 19 नवम्बर तक चलेगा। 

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