पटना ।। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में चल रहे ‘राष्ट्रीय पुस्तक मेला’ में चर्चित महिला साहित्यकारों की पुस्तकें हाथों-हाथ बिक रही हैं। साथ ही यौन सम्बंधी पुस्तकों की बिक्री भी इस बार बढ़ी है। पुस्तकों की खूब हो रही बिक्री से उत्साहित ‘नेशनल बुक ट्रस्ट’ ने अगले वर्ष पटना में ‘अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला’ लगाने की बात कही है। 

मेले में महिला साहित्यकारों शिवानी, महाश्वेता देवी, मैत्रीय पुष्पा, मृणाल पांडेय की किताबें पुस्तक प्रेमियों की पहली पसंद बनी हुई हैं। मैत्रीय पुष्प की ‘गुनाह-बेगुनाह’ की अब तक 170 से अधिक प्रति बिक चुकी है। वहीं, महाश्वेता देवी की ‘ग्राम बंगला’, ‘झांसी की रानी’, ‘जंगल के दावेदार’ जैसी कालजयी कृतियां भी हाथों-हाथ बिक रही हैं। मृणाल पांडेय की ‘चार दिन की जवानी तेरी’ और ‘हमको दियो परदेस’ जैसी पुस्तकें भी खूब बिक रही हैं।

मेले में पहुंची पटना विश्वविद्यालय की छात्रा सुनिधि पांडेय ने कहा कि वह एक साल तक अपने जेब खर्च से पुस्तक मेले के लिए पैसा बचाती हैं और जब मेला लगता है तो वह अपनी पसंद की पुस्तकें खरीदती हैं। सुनिधि के अनुसार, उनके साथ-साथ उनके बहुत से साथियों ने साहित्यिक किताबें खरीदी हैं।

मेले में यौन सम्बंधी पुस्तकें भी खूब बिक रही हैं। इनके खरीदारों में युवा अधिक हैं। ‘प्रभात प्रकाशन’ के राजेश शर्मा ने आईएएनएस से कहा कि यौन सम्बंधी 2000 से ज्यादा पुस्तकें अब तक बिक चुकी हैं। इसके खरीदारों में समाज के सभी वर्ग के लोग शामिल हैं।

मेले में पुस्तक बिक्री से उत्साहित नेशनल बुक ट्रस्ट के उप निदेशक प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि यदि राज्य सरकार का सहयोग रहा तो वह अगले वर्ष पटना में अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला लगाने के लिए तैयार हैं, जिसमें 800 से ज्यादा प्रकाशकों के स्टॉल लगाए जा सकेंगे। इनमें 40-50 विश्वस्तरीय प्रकाशक शामिल होंगे।

पुस्तक मेला शनिवार को समाप्त हो रहा है। गांधी मैदान के करीब 70,000 वर्गफुट क्षेत्र में लगे मेले में नेशनल बुक ट्रस्ट, साहित्य अकादमी, ऑक्सफोर्ड, वाणी, राजकमल, प्रभात प्रकाशन, एकलव्य प्रकाशन सहित देश के करीब 175 प्रकाशकों के स्टॉल लगे हैं।

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