नई दिल्ली ।। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत से, पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री ए. राजा सहित 17 आरोपियों के खिलाफ नए आरोप तय करने के लिए सोमवार को अनुमति मांगी।

सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी से कहा कि उसे राजा, उनके पूर्व सहायक आर.के. चंदोलिया, और पूर्व केंद्रीय दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा के खिलाफ ‘लोक सेवक द्वारा विश्वासघात का अपराध’ किए जाने का आरोप तय करने की अनुमति दी जाए।

यह आरोप गैर जमानती है और इसमें 10 साल तक के कारावास की सजा का प्रवाधान है।

सीबीआई ने राजा की पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद कनिमोझी सहित बाकी 14 आरोपियों के खिलाफ भी आपराधिक साजिश के आरोप तय करने के लिए जोर दिया है। अन्य 14 आरोपियों में तीन कम्पनियां शामिल हैं।

आरोपी के वकील ने यह कहते हुए सीबीआई की याचिका का विरोध किया कि जांच एजेंसी मामले की सुनवाई में देरी करने के हथकंडे अपना रही है। अभी तक आरोपियों के खिलाफ जो आरोप तय हैं, उनमें अधिकतम सात वर्ष की सजा हो सकती है।

इससे सम्बंधित एक अन्य घटनाक्रम में जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई 12 अक्टूबर तक के लिए टाल दी गई। अदालत ने आशा जाहिर की है कि इस अवधि के दौरान सर्वोच्च न्यायालय इस मुद्दे पर कोई निर्णय ले लेगा। स्वामी ने अपनी याचिका में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम को 2जी मामले में सह आरोपी बनाने की मांग की है।

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