रायपुर ।। छत्तीसगढ़ में 1980 के दशक के अंत से नक्सलियों के गढ़ रहे बस्तर में इस सप्ताह 2,500 से अधिक जवानों को प्रशिक्षण के लिए लाया गया है। पुलिस ने इसकी सूचना गुरुवार को दी।

सेना की पहली टुकड़ी के अगस्त में लौट जाने के बाद यह दूसरी टुकड़ी है जिसे जंगल में लड़ाई प्रशिक्षण के लिए लाया गया है। पहली टुकड़ी के जवान बस्तर के जंगलों में कई सप्ताह तक लड़ाई का कड़ा प्रशिक्षण लेकर लौटे। बस्तर करीब 40,000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है।

फिलहाल सेना ने यह स्पष्ट किया है कि सिपाही बस्तर में नक्सलियों से संघर्ष करने नहीं आए हैं बल्कि जंगल में लड़ाई का प्रशिक्षण लेने आए हैं। पुलिस का कहना है कि हलांकि इससे नक्सली दबाव में आ जाएंगे।

बस्तर में तैनात एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “जब नक्सली मुख्य रूप से राज्य पुलिस पर हमला करेंगे तो तनाव बढ़ने की सम्भावना है क्योंकि नागरिक सेना को बस्तर से वापस भेजने का सरकार पर दबाव बनाना चाहेंगे। जब तक सेना के जवान नक्सलियों के क्षेत्र में बने रहेंगे उनको भारी दबाव में जीना पड़ेगा।”

नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बस्तर में तैनात किए गए हजारों पुलिसकर्मियों को बहुत अधिक चौकन्ना रहने के लिए कहा गया है।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here