श्रीनगर ।। जम्मू एवं कश्मीर में पिछले वर्ष सितम्बर में भीड़ एवं सुरक्षा बलों में संघर्ष के दौरान गोली लगने से कोमा में गये युवक की 13 माह बाद पाम्पोर कस्बे में बुधवार को मौत हो गई।

मृतक के रिश्तेदार ने बताया कि 18 सितम्बर 2010 को ट्यूशन जाते समय मुजफ्फर अहमद को (18 वर्ष) गोली लग गई और 13 माह बाद उसकी मौत हो गई।

परिवार के सदस्य ने बताया, “18 सितम्बर को गोली लगने से उसे रीढ़ में गम्भीर चोट आई थी। तब से वह श्रीनगर स्थित सौरा मेडिकल इंस्टीट्यूट में कोमा में था। कुछ दिन पहले उसे घर लाया गया था। आज सुबह का निधन हो गया।”

पिछले साल एक अमेरिकी पादरी द्वारा कथित तौर पर पवित्र कुरान का अपमान करने पर पाम्पोर में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान मुजफ्फर हिंसा की चपेट में आ गया। पिछले साल प्रदर्शनकारियों एवं सुरक्षा बलों के मध्य हुई खूनी झड़पों में मरने वालों की संख्या अब 113 हो चुकी है।

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