पणजी ।। गोवा लघु उद्योग संघ ने राज्य सरकार के औद्योगिक निगम द्वारा किए गए औद्योगिक भूखंड आवंटन घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। इस घोटाले में कई नेताओं के नाम कथितरूप से शामिल हैं।

एक विवादास्पद आवंटन मिडिटेक प्राइवेट लिमिटेड को हुआ है। यह कम्पनी उत्तराखंड की राज्यपाल और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मार्गरेट अल्वा के बेटों की है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष शेखर सरदेसाई ने शुक्रवार को मांग की कि जांच उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में कराई जाए। सरदेसाई ने यहां संवाददाताओं को बताया, “यह स्पष्टरूप से एक घोटाला है। हमने गोवा औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज कराया है। हमें लगभग 250 संदिग्ध आवंटनों के बारे में पता चला है। अधिकात्तर भूखंड 5,000 वर्गमीटर से 35,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के हैं।”

औद्योगिक भूखंड आवंटन घोटाला तब सामने आया है, जब गोवा सरकार द्वारा नियुक्त एक कार्य बल ने यह पाया कि गोवा में विभिन्न औद्योगिक एस्टेट्स में 250 भूखंड गलत लोगों को आवंटित किए गए।

एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि जीआईडीसी अध्यक्ष और क्यूपेम से कांग्रेसी विधायक चंद्रकांत कावलेकर, जीआईडीसी के प्रबंध निदेशक अजीत नाइक और निगम के अन्य अधिकारी फर्जी आवंटन में शामिल रहे हैं।

सरदेसाई ने आईएएनएस से कहा, “हम अपने खुद के कानूनी विकल्पों को समझ रहे हैं। जिन लोगों ने कानून का उल्लंघन किया है और वे पिछले चार वर्षो से इस तरह भूखंड आवंटित कर रहे हैं, वे आपराधिक मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।”

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