गुड़गांव ।। गुड़गांव में तीन दिनों पहले हुए टोल प्लाजा हत्याकांड के मामले में सोमवार को पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया।

गुड़गांव के पुलिस प्रमुख एस.एस.देसवाल ने संवाददाताओं से कहा कि विजयवीर सिंह और मंजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और बोलेरो भी बरामद कर ली गई है।

देसवाल ने कहा, “पुलिस की 41 टीमों को गुड़गांव और आस-पास के विभिन्न गावों में उसी तरह की सफेद रंग की सभी बोलेरो गाड़ियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए लगाया गया था।”

देसवाल ने कहा कि वीडियो फुटेज से यह साफ है कि आरोपी के गोली चलाने से पहले ही टोल प्लाजा के कर्मचारी ने गेट खोल दिया था। आरोपी आराम से जा सकता था लेकिन उसने कर्मचारी पर गोली चलाने का फैसला किया।

देसवाल ने कहा कि पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है कि क्या हत्या में प्रयुक्त हथियार लाइसेंसी था या नहीं। आरोपी जिस बोलेरो में यात्रा कर रहे थे, वह उनकी नहीं है और वह अशोक कुमार के नाम पर ली गई है।

टोल प्लाजा पर काम करने वाले 22 वर्षीय उमेशकांत पांडे की हाल ही में शादी हुई थी और शुक्रवार को बोलेरो में सवार लोगों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। उन्होंने महज 27 रुपये देने से इंकार कर दिया था।

पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच के दौरान आरोपियों की पहचान उस समय की गई जब काले कपड़े पहने एक युवक को देखा गया था। वह पांडेय की जानकारी हासिल करने टोल प्लाजा आया था।

पांडेय मध्य प्रदेश के रीवा जिले के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। गोली लगने के बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

गुड़गांव पुलिस को आरोपियों की पहचान करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी कैमरे से बोलेरो जीप का रजिस्ट्रेशन नम्बर या उसमें सवार लोगों के बारे में साफतौर पर कुछ पता नहीं चल पा रहा था।

पुलिस सूत्रों की मानें तो विजयवीर ही वह शख्स था, जिसने 27 रुपये चुकाने को लेकर बहस होने के बाद कथित तौर पर पांडेय को गोली मारी थी।

पुलिस अधिकारी ने बताया, “हम मामले की जांच कर रहे हैं। घटना के समय दोनों युवक नशे की हालत में थे।” सूत्र के मुताबिक टोल प्लाजा के अन्य कर्मचारियों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन वे फरार होने में सफल हो गए।

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