शिमला ।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रो़ प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश में गोबर एवं गो-मूत्र पर आधारित उद्योग स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इससे एक ओर जहां लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं गोबर व गो-मूत्र का समुचित उपयोग भी सुनिश्चित होगा।

उन्होंने कहा कि गोबर एवं गो-मूत्र से दवाइयां तैयार करने का पारम्परिक तरीका रहा है। प्रदेश सरकार इनसे दवाइयां तैयार करने के लिए बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करवाएगी।

मुख्यमंत्री यहां रविवार को टुटु में कामनापूर्णी गोशाला संस्थान द्वारा आयोजित गोपाष्टमी समारोह की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे।

धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में गो-सदनों की स्थापना को विशेष प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस दिशा में काफी संस्थाएं अपना सहयोग देने के लिए आगे आ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित उद्योग से गो-सदनों को अच्छी आय भी होगी। उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं का आह्वान किया कि प्रदेश में गो-सदनों की स्थापना में अपना भरपूर सहयोग दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गो-सदन को शेल्टर की सुविधा प्रदान करने की सम्भावनाओं का पता लगाया जाएगा।

इस अवसर पर गोबर एवं गो-मूत्र से निर्मित होने वाली उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।

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