श्रीनगर ।। प्रशासन ने मंगलवार को शिया समुदाय द्वारा मोहर्रम पर कई स्थानों पर निकाले जाने वाले जुलूस के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रीनगर के लाल चौक और आसपास के कुछ इलाकों में प्रतिबंध लगा दिए हैं।

पैगम्बर मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन और उनके परिवार को करबला (इराक) में 1331 वर्ष पहले इसी दिन शहीद कर दिया गया था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों को शहर में गड़बडी पैदा करने से रोकने के लिए मैसुमा और कोठीबाग पुलिस थानों के अंर्तगत आने वाले इलाकों में प्रतिबंध लागू किए गए हैं।

शहर के मध्य लाल चौक, पास के मैसुमा व रेसीडेंसी रोड इलाकों में मंगलवार को दुकानें, वाहनों का आवागमन, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे एवं लोगों की आवाजाही पर रोक रहेगी। 

पुराने शहरी इलाकों में भी दुकानें एवं अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे, सड़कों पर मामूली यातायात को अनुमति होगी। 

ज्ञात हो कि मुस्लिम महीना, मोहर्रम में प्रथम 10 दिनों के दौरान दुनियाभर में शिया समुदाय के लोग मातमी जुलूस निकालते हैं और मजलिस का आयोजन करते हैं। अंतिम 10वें दिन मातम चरम पर पहुंच जाता है और उस दिन बड़े जुलूस निकाले जाते हैं। 

श्रीनगर के जहांगीर चौक इलाके में रविवार को शिया मुसलमानों और सुरक्षा बलों के बीच टकराव हो गया था, क्योंकि प्रशासन ने मातम के एक जुलूस को अनुमति देने से इंकार कर दिया था।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “पूरी घाटी में स्थिति सामान्य है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। शहर में अवांक्षित तत्वों को गड़बड़ी पैदा करने से रोकने के लिए पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की पर्याप्त संख्या में तैनाती की गई है।”

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